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मजदूरों को लाने में असमर्थ बिहार सरकार ने कहा- हमारे पास बसें नहीं, विशेष ट्रेन चलाए केंद्र

बिहार सरकार ने गुरुवार को केंद्र सरकार से प्रवासी मजदूरों और छात्रों को लाने के लिए विशेष ट्रेन चलाने की मांग की है.

Updated on: 01 May 2020, 09:46 AM

पटना:

बिहार सरकार (Bihar government) ने गुरुवार को केंद्र सरकार से प्रवासी मजदूरों और छात्रों को लाने के लिए विशेष ट्रेन चलाने की मांग की है. उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि बिहार के लोग राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु सहित कई राज्यों में फंसे हैं, इसलिए दूरदराज के अनेक स्थानों से बड़ी संख्या में उन सबकी सुरक्षित वापसी के लिए अब घर वापसी स्पेशल ट्रेन चलाई जानी चाहिए. सुशील कुमार मोदी (Sushil kumar Modi) ने कहा कि बिहार में बसों की सीमित उपलब्धता है और प्रवासी मजदूरों की जितनी संख्या विभिन्न राज्यों में हैं, उससे सड़क मार्ग से उन्हें लाने में महीनों लग सकता है.

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उन्होंने कहा कि बाहर से आने वाले सभी बिहार के लोगों का स्वागत है. देश के किसी भी हिस्से से वापस आने के यहां स्क्रीनिंग, होम क्वारंटीन जैसी व्यवस्थाएं लागू हैं. मोदी ने कहा कि बाहर से आने वाले लोगों के लिए नोडल अधिकारी तक नियुक्त कर दिए हैं. उन्होंने कहा कि मोदी ने कहा कि वापसी की चाह रखने वालों की संख्या बहुत बड़ी है. उन्होंने कहा, 'अगर हम बसों पर निर्भर करते हैं, तो प्रक्रिया को पूरा होने में महीनों लग सकते हैं. मैं केंद्र से विशेष ट्रेनें चलाने के लिए आग्रह करूंगा.'

उन्होंने कहा, 'बिहार के लोग पूरे देश में फैले हुए हैं. दिल्ली जैसे स्थानों में इनकी संख्या काफी अधिक है. हम ऐसे स्थानों से लोगों को लाने के लिए बसों का विकल्प चुन सकते हैं, जो बिहार के करीब हैं, लेकिन दूर-दराज के लोगों के लिए केंद्र को विशेष रूप से हमारे अनुरोध पर विचार करना चाहिए.' सुशील कुमार मोदी ने कहा कि राज्य से बाहर फंसे जिन लोगों ने सहायता मांगी है, उनमें से 17 लाख मजदूरों के खाते में 1-1 हजार रुपये डाले जा चुके हैं और लगभग 10 लाख से अधिक आवेदनों की जांच की जा रही है.

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उपमुख्यमंत्री ने विपक्ष पार्टी राष्ट्रीय जनता दल पर हमला बोलते हुए कहा, 'जिसने अपने 15 साल के राज में बिहार की शिक्षा, खेती और उद्योग-व्यवसाय को चौपट कर लाखों छात्रों और मजदूरों को महापलायन के लिए मजबूर किया, वही आज केवल बयानबाजी कर प्रवासी बिहारियों के हमदर्द बन रहे हैं.' उल्लेखनीय है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने नियमों को संशोधित करते हुए देश के विभिन्न हिस्सों में फंसे लोगों को कुछ शतरें के साथ वापस अपने राज्य जाने की अनुमति दे दी है.

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