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13 करोड़ खर्च कर बना ट्रेनिंग सेंटर और छात्रावास, जिसमें ना पंखा, ना पानी

सुपौल से खबर सामने आ रही है, जहां करोड़ों रुपये खर्च कर पहले जीएनएम ट्रेनिंग सेंटर व छात्रावास बनाया गया. जिसे शुरू हुए महज एक साल ही हुए हैं लेकिन छत से पानी का रिसाव होना शुरू हो गया.

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Vineeta Kumari
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13 करोड़ खर्च कर बना ट्रेनिंग सेंटर-छात्रावास( Photo Credit : News State Bihar Jharkhand)

सुपौल से खबर सामने आ रही है, जहां करोड़ों रुपये खर्च कर पहले जीएनएम ट्रेनिंग सेंटर व छात्रावास बनाया गया. जिसे शुरू हुए महज एक साल ही हुए हैं लेकिन छत से पानी का रिसाव होना शुरू हो गया. चमचमाती ऊंची बिल्डिंग और छत से रिसता पानी, यह तस्वीर उस बिल्डिंग है जिसे बनाने में करीब 13 करोड़ की लागत लगी. 13 करोड़ रुपये खर्च कर सुपौल के जीएनएम ट्रेनिंग सेंटर और हॉस्टल का निर्माण 1 साल पहले ही हुआ है, लेकिन 1 साल के अंदर ही बिल्डिंग की छत से पानी का रिसाव होने लगा है.

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करोड़ों खर्च कर बनाया ट्रेनिंग सेंटर और छात्रावास 

सुखपुर में बने इस ट्रेनिंग सेंटर की तस्वीर को देख कहना मुश्किल नहीं है कि निर्माण में गुणवत्ता का कितना ध्यान रखा गया होगा. हालांकि परेशानी सिर्फ बदहाल बिल्डिंग की नहीं है. दरअसल, 19 जुलाई, 2022 से शुरू हुए इस ट्रेनिंग सेंटर में फिलहाल 2 बैच का संचालन होता है, जिसमें कुल 113 छात्राएं रहती हैं. वहीं, छात्राओं के लिए यहां शुद्ध पेयजल की व्यवस्था तक नहीं है. मजबूरन छात्राओं को पानी खरीद कर पीना पड़ता है. यहां के पानी में आयरन बहुत ज्यादा है, जिससे छात्राएं बीमार हो रही है.

ना पंखा, ना पानी, सिर्फ टपकती छतें

इतना ही नहीं छात्रावास के मेस में पंखे की व्यवस्था भी नहीं है. ऐसा नहीं है कि छात्राओं की परेशानी की जानकारी अधिकारियों को नहीं है. ट्रेनिंग सेंटर की बदहाली से डीएम तक को रूबरू कराया गया है, लेकिन शिकायत के 3 महीने बाद भी आश्वासन ढाक के तीन पात ही साबित हुआ. वहीं, जब मामले को लेकर सिविल सर्जन से सवाल किया गया तो उन्होंने सेंटर में पंखे और पेयजल की समस्या जल्द दूर करने का आश्वासन दिया. साथ ही छात्राओं को दूसरी सुविधाएं मुहैया कराने की बात भी कही. बहरहाल, डीएम के बाद अब सिविल सर्जन ने भी आश्वासन तो दे दिया है, लेकिन आश्वासन पर सुनवाई कब तक होती है. यह तो वक्त ही बताएगा.

HIGHLIGHTS

  • करोड़ों खर्च कर बनाया ट्रेनिंग सेंटर और छात्रावास 
  • ना पंखा, ना पानी, सिर्फ टपकती छतें
  • छात्रों को मिल रहा महज आश्वासन

Source : News State Bihar Jharkhand

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