New Update
/newsnation/media/post_attachments/images/2023/02/16/brass-industry-21.jpg)
बर्तन कारोबारियों को मदद की दरकार.( Photo Credit : News State Bihar Jharakhand)
0
By clicking the button, I accept the Terms of Use of the service and its Privacy Policy, as well as consent to the processing of personal data.
Don’t have an account? Signup
बर्तन कारोबारियों को मदद की दरकार.( Photo Credit : News State Bihar Jharakhand)
छपरा का परसागढ़ बाजार कांसा और पीतल के बर्तन के लिए कभी पूरे देश में जाना जाता था, लेकिन यहां के उद्योग पर आधुनिकीकरण की मार ऐसी पड़ी कि आज बर्तन कारोबारियों को अपना पुश्तैनी काम छोड़कर पलायन करना पड़ रहा है. कारोबारियों को उम्मीद है कि अगर सरकार उनके लिए मदद का हाथ आगे बढ़ाए तो उनकी स्थिति बेहतर हो सकेगी. बाजार अपना अस्तित्व खो रहा है. लोग बेरोजगार हो रहे हैं और अब नौबत पलायन तक आ गई है.
परसागढ़ बाजार सिर्फ बिहार ही नहीं बल्कि उतर प्रदेश समेत कई राज्यों में मशहूर था. यहां के बर्तनों की मांग पूरे देश में थी. यही वजह है कि यहां दूर दराज से व्यवपारी आते थे. आज भी परसागढ़ के कांसा पीतल के बर्तनों की डिजाइन और क्वालिटी का लोहा माना जाता है, इस गांव के सैकड़ों परिवार पीढ़ी दर पीढ़ी इसी उद्योग से जुड़े हैं, लेकिन आधुनिकिकरण के जमाने में इनका उद्योग सिमटने लगा है और गांव के हुनरमंद कारोबारी दूसरों राज्यो में रोजी रोटी के लिए पलायन कर रहे हैं.
यहां के व्यापारियों को आज भी सरकार से उम्मीद है. उम्मीद ये कि अगर सरकार ने इनकी मदद की तो एक बार फिर इनका उद्योग पटरी पर आ जाएगा. कारोबारियों का कहना है कि अगर इन्हें लोन मिल जाए तो एक बार फिर ये बाजार अपने बर्तनों के लिए पूरे देश में जाना जाएगा. इससे ना सिर्फ हजारों लोगों को दोबारा रोजगार मिल जाएगा. बल्कि पलायन की समस्या भी खत्म हो जाएगी.
बहरहाल, कारोबारियों की उम्मीदों पर सरकार कितनी खरी होती है, ये तो पता नहीं, लेकिन इतना जरूर कह सकते हैं कि अगर इन कारोबारियों को मदद मिल जाए तो इससे ना सिर्फ परसागढ़ बल्कि पूरे जिले में कांसा और पीतल से जुड़े उद्योग को बढ़ावा मिल सकेगा.
रिपोर्ट : बिपिन कुमार मिश्रा
HIGHLIGHTS
Source : News State Bihar Jharkhand