कैमूर में लाखों का शौचालय घोटाला, BDO ने किया घोटाले का खुलासा

कैमूर में एक के बाद एक घोटालों का सिलसिला जारी है. अभी कचरा सफाई और उससे खाद बनाने के नाम पर हुए घोटाले का मामला थमा भी नहीं कि एक बार फिर शौचालय घोटाला ने कई अधिकारियों को सवालों के घेरे में ला दिया है.

कैमूर में एक के बाद एक घोटालों का सिलसिला जारी है. अभी कचरा सफाई और उससे खाद बनाने के नाम पर हुए घोटाले का मामला थमा भी नहीं कि एक बार फिर शौचालय घोटाला ने कई अधिकारियों को सवालों के घेरे में ला दिया है.

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Vineeta Kumari
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कैमूर में लाखों का शौचालय घोटाला( Photo Credit : प्रतीकात्मक तस्वीर)

कैमूर में एक के बाद एक घोटालों का सिलसिला जारी है. अभी कचरा सफाई और उससे खाद बनाने के नाम पर हुए घोटाले का मामला थमा भी नहीं कि एक बार फिर शौचालय घोटाला ने कई अधिकारियों को सवालों के घेरे में ला दिया है. भभुआ के प्रखंड विकास पदाधिकारी ने मामले की जांच कराई तो सामने आया कि 273 वैसे फर्जी लाभुक को शौचालय की राशि पेमेंट कर दी गई है, जिन्होंने शौचालय बनवाया ही नहीं. इस घोटाले में सबसे बड़ी बात ये है कि पेमेंट राशि किसी बड़े बैंक के खातों को नहीं दिया गया, बल्कि एयरटेल और फिनो जैसे छोटे बैंक में भेज दिया गया है. कई लाभुकों के खातों में तो पता भी फर्जी पाया गया है.

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कैमूर में लाखों का शौचालय घोटाला

मामले में प्रखंड विकास पदाधिकारी ने अब मामला दर्ज कराया है, जिसमें भभुआ प्रखंड कार्यालय का डाटा ऑपरेटर नीतीश कुमार हैं. जिला मुख्यालय का डाटा ऑपरेटर पंकज कुमार, पूर्व जिला समन्वयक हेमंत और जिला सलाहकार यशवंत कुमार का नाम शामिल है. हालांकि मामले में ट्विस्ट तब आया, जब घोटाले का खुलासा कराने वाले BDO भी मामले में दोषी पाए गए. दरअसल, BDO ने 4 आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कराया. इसके बाद पांच सदस्यीय टीम बनी और पूरे मामले की जांच शुरू हुई तो पता चला ये पेमेंट BDO के ही डोंगल से किया गया है. इसके बाद जांच टीम ने प्रखंड विकास पदाधिकारी को भी दोषी मानते हुए कुल पांच लोगों को आरोपी बनाया है. 

खुलासे के बाद खुद ही आरोपी बन गए BDO

वहीं, आरोपी घोषित होने के बाद प्रखंड विकास पदाधिकारी भभुआ ने कहा कि जांच टीम ने जब जांच की तो वो मेरी सभी बातों से संतुष्ट भी हुए, लेकिन पता नहीं किसके दबाव में आकर मुझे भी इसमें दोषी बनाया गया. इस घोटाले में सबसे बड़ी बात है कि शौचालय राशि भुगतान से पहले उसका स्पॉट वेरिफिकेशन किया जाता है, जियो टैगिंग की जाती है, उसके बाद ही भुगतान करने का प्रावधान है, लेकिन यहां अधिकारियों की मिलीभगत से 273 शौचालयों का लगभग 30 लाख रुपया फर्जी लाभुकों के खातों में ट्रांसफर किया गया. 30 लाख का ये घोटाला सिर्फ भभुआ प्रखंड का है. 

30 लाख की राशि फर्जी लाभुकों को मिली

अगर जिले के सभी प्रखंडों की जांच की गई तो कई और मामले भी सामने आएंगे. कैमूर में ये लगातार दूसरा ऐसा मामला है जिसमें सरकारी योजना नें धांधली की गई है. देखना ये होगा कि मामले की जांच पूरी होने तक और कितने किरदार इसमें जुड़ते हैं.

HIGHLIGHTS

  • कैमूर में लाखों का शौचालय घोटाला
  • खुलासे के बाद खुद ही आरोपी बन गए BDO
  • 30 लाख की राशि फर्जी लाभुकों को मिली

Source : News State Bihar Jharkhand

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