logo-image

रेप केस से बचने के लिए शिक्षक ने अर्थी पर कराया फोटोशूट, लेकिन दो साल बाद ऐसे हुआ खुलासा

रेप केस से बचने के लिए टीचर ने खुद के ही मौत का नाटक रच डाला जो किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं लग रही है. इतना ही नहीं अर्थी पर फोटोशूट भी कराया ताकि सबको उसकी मौत का भरोसा हो जाए. इस आधार पर उसने अपना मृत्यु प्रमाण पत्र बनवा लिया.

Updated on: 19 Oct 2022, 10:08 AM

Bhagalpur:

बिहार के भागलपुर से अजीबोगरीब मामला सामने आया है. जिसने सभी को हैरानी में डाल दिया है. आपने शादी, बर्थडे का फोटोशूट तो सुना और देख होगा लेकिन यहां एक टीचर ने ऐसा फोटोशूट कराया है जो आप सोच भी नहीं सकते हैं. रेप केस से बचने के लिए टीचर ने खुद के ही मौत का नाटक रच डाला जो किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं लग रही है. इतना ही नहीं अर्थी पर फोटोशूट भी कराया ताकि सबको उसकी मौत का भरोसा हो जाए. इस आधार पर उसने अपना मृत्यु प्रमाण पत्र बनवा लिया और फिर कोर्ट में जमा कर दिया.

शिक्षक ने किया सरेंडर

आरोपी शिक्षक इशीपुर बाराहाट थाना इलाके का रहने वाला है. जिसने सोमवार को स्पेशल पॉक्सो कोर्ट में सरेंडर कर दिया था. जहां से उसे 14 दिनों के लिए जेल भेजा गया. उस पर 14 अक्टूबर 2018 को नाबालिग छात्रा से दुष्कर्म के आरोप में केस दर्ज हुआ था.

अर्थी पर करवाया फोटोशूट 

एफआईआर होने के बाद जेल जाने से बचने के लिए शिक्षक ने खुद के मौत की नकली कहानी गढ़ ली और बकायदा कफन ओढ़कर चिता पर लेट गया. फिल्मी स्टाइल में उसके पिता ने 'मृत' बेटे के चिता को आग देने की तस्वीर भी खिंचवा ली. उसके आधार पर उसने पंचायत सचिव से अपने बेटे का मृत्यु प्रमाण पत्र बनवा लिया. उसके पिता ने डेथ सर्टिफिकेट और श्मशान घाट पर लकड़ी खरीदने की रसीद के साथ कोर्ट में शपथपत्र दाखिल कर दिया.

कोर्ट ने केस कर दिया था बंद 

आरोपी शिक्षक के पिता ने 27 फरवरी 2022 को उसकी फर्जी मौत की जानकारी देते हुए 19 अप्रैल 2022 को मृत्यु प्रमाण पत्र निर्गत करा लिया था. इस डेथ सर्टिफिकेट के आधार पर कोर्ट ने केस बंद कर दिया गया. लेकिन पीड़िता के परिजन और शपथपत्र बनाने वाले अधिवक्ता उमेश प्रसाद ने जब जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी के यहां शिकायत की तो पूरे मामले का खुलासा हुआ.

मौत के नाटक का हुआ खुलासा 

इस मामले में जिला सांख्यिकी पदाधिकारी रवि रंजन राकेश की रिपोर्ट ने पूरे रहस्य से पर्दा उठा दिया. जांच में ही पता चला कि नीरज के खिलाफ मुकदमा पॉक्सो स्पेशल कोर्ट में है. इस मामले में एफआईआर होने के बाद राजाराम को कुछ दिन पहले ही जेल भेजा गया था.