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होटल में महिलाओं के साथ आपत्तिजनक हालात में पकड़े गए तीनों जज बर्खास्त

बिहार में सामान्य प्रशासन विभाग ने तीन न्यायिक अधिकारियों को सेवा से बर्खास्त कर दिया है. निचली अदालत के तीनों न्यायाधीशों की बर्खास्तगी पर मुहर लग गयी है. सामान्य प्रशासन विभाग ने इसकी अधिसूचना जारी कर दी है.

Updated on: 23 Dec 2020, 10:51 AM

पटना:

बिहार में सामान्य प्रशासन विभाग ने तीन न्यायिक अधिकारियों को सेवा से बर्खास्त कर दिया है. निचली अदालत के तीनों न्यायाधीशों की बर्खास्तगी पर मुहर लग गयी है. सामान्य प्रशासन विभाग ने इसकी अधिसूचना जारी कर दी है. सामान्य प्रशासन विभाग ने जो सूचना जारी की है, उसके अनुसार, सेवा से बर्खास्त किए गए तीनों न्यायाधीश समस्त बकाए और अन्य लाभ नहीं ले पाएंगे. इनकी बर्खास्तगी 12 फरवरी 2014 से ही प्रभावी होगी.

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बता दें कि जिन न्यायाधीशों की बर्खास्तगी की अधिसूचना जारी हुई है उनमें समस्तीपुर परिवार न्यायालय के तत्कालीन प्रधान न्यायधीश हरिनिवास गुप्ता, अपर जिला एवं सत्र न्यायधीश (अररिया) जितेंद्र नाथ सिंह और अररिया के अवर न्यायाधीश सह मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी कोमल राम शामिल हैं. 

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तीनों न्यायिक पदाधिकारियों ने फरवरी 2014 में बर्खास्तगी के खिलाफ हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की थी. मुख्य न्यायाधीश के निर्णय के तहत इस मामले में 22 मई 2015 को पांच जजों की एक कमेटी बनाई गई थी. तीन महीने बाद इस कमेटी ने अपना रिपोर्ट दिया था. इसके बाद पटना हाई कोर्ट के महानिबंधक ने सितंबर 2020 में इनकी बर्खास्तगी की अनुशंसा को बरकरार रखा.

ये है पूरा मामला
पुलिस नेपाल ने विराटनगर में एक होटल में तीनों को छापेमारी के दौरान के पकड़ा था. बाद में उन्हें रिहा कर दिया गया था, लेकिन मामला तब सामने आया जब एक नेपाली अखबार में इसको लेकर एक खबर छपी. बाद में पटना उच्च न्यायालय द्वारा मामले की जांच शुरू की गई, जिसमें वे दोषी पाए गए और उन्‍हें सेवा से बर्खास्त करने की सिफारिश की गई. उच्चतम न्यायालय में उनकी अपील पिछले साल ठुकरा दी गई थी.