बिहार में राज्यसभा सीटों का ये है गणित, जानिए किसका पलड़ा भारी
अब बिहार की राजनीति में रस्साकसी राज्यसभा की उन पांच सीटों को लेकर हो रही है जो अप्रैल में खाली हो रही है. खास बात यह है कि पांच सीटें एनडीए के खाते की थी लेकिन इसमें से दो राजद के कोटे में भी आ गए.
पटना:
अब बिहार की राजनीति में रस्साकसी राज्यसभा की उन पांच सीटों को लेकर हो रही है जो अप्रैल में खाली हो रही है. खास बात यह है कि पांच सीटें एनडीए के खाते की थी लेकिन इसमें से दो राजद के कोटे में भी आ गए. अब पार्टी और गठबंधन के अंदर इन सीट के लिये मंथन और दावेदारी तेज हो गयी है चूंकि 6 मार्च से इन सीटों के लिये नामांकन शुरु हैं. ऐसे में इन सीटों पर रस्साकसी तेज हो गई है.
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बीजेपी को हो सकता है नुकसान
राज्सभा के चुनाव में जो गणित सामने आ रहा है उससे बीजेपी और जेडीयू को नुकसान और लालू प्रसाद यादव की पार्टी को फायदा हो सकता है. बिहार विधान सभा में 243 विधायक हैं. इसके आधार पर एक राज्य सभा की एक सीट के लिए 42 वोट चाहिए. राजनीतिक दलों की हैसियत के हिसाब से 81 विधायक राजद के और 26 विधायक कांग्रेस के हैं. जिस हिसाब से इनकी दो सीट तय मानी जा रही हैं. वहीं 70 विधायक जद यू के और 54 भाजपा के जिस हिसाब से जद यू के दो और भाजपा की एक पर दावेदारी होगी.
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कौन-कौन है दौड़ में शामिल
राजद से रघुवंश प्रसाद सिंह, शिवानंद तिवारी, जय प्रकाश नारायण यादव और बुलो मंडल दौड़ में हैं. लालू प्रसाद यादव के करीबी प्रेमचंद गुप्ता के नाम की भी चर्चा है. चूंकि झारखंड कोटे से राज्यसभा पहुंचे गुप्ता का भी कार्यकाल अप्रैल में खत्म हो रहा है. इन्होंने भी रांची जा कर जनवरी में लालू प्रसाद से मुलाकात की थी. चर्चा लालू प्रसाद की पत्नी राबड़ीदेवी की भी हो रही है. आरजेडी राबड़ी देवी और एक अल्पसंख्यक चेहरे को उच्च सदन भेज सकते है. पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव सर्वजीत कुमार ने बताया कि इसका फैसला सुप्रीमो के द्वारा ही किया जाएगा लेकिन राबड़ी देवी और तेज़ प्रताप दोनों की नाम की चर्चा है.
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जेडीयू से ये हैं दावेदार
नीतीश कुमार के जनता दल यूनाइटेड के तीन सांसद का कार्यकाल खत्म हो रह है. कर्पूरी ठाकुर के पुत्र रामनाथ ठाकुर, राज्यसभा के उपसभापति हरिबन्श और कहकशा परवीन. इस साल के आखिर में होने वाले चुनाव को देखते हुए नीतीश कुमार भी सामाजिक समीकरण का ध्यान रखकर ही उम्मीदवार का चयन करेंगे. नीतीश कुमार एक अतिपिछड़ा और एक अल्पसंख्यक को राज्यसभा भेज सकते हैं.
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