/newsnation/media/post_attachments/images/2024/06/27/bjp-vijay-38.jpg)
सेनगोल विवाद( Photo Credit : Newsstate Bihar Jharkhand)
Sengol in Parliament: देश में अब सेंगोल को लेकर विवाद शुरू हो गया है. उत्तर प्रदेश के मोहनलालगंज से समाजवादी पार्टी के सांसद आरके चौधरी ने एक चिट्ठी लिखकर यह मांग की है कि संसद में लगे सेंगोल को हटाया जाए. सांसद आरके चौधरी ने संसद में सेंगोल की जगह संविधान की प्रति लगाने की मांग की है. उनका कहना है कि संसद में संविधान की प्रति का होना अधिक महत्वपूर्ण है, जो लोकतंत्र के मूल्यों को दर्शाता है. इस विवाद पर बिहार बीजेपी के नेता और उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने गुरुवार (27 जून) को पत्रकारों से बातचीत में कांग्रेस और सैम पित्रोदा पर हमला बोला. विजय कुमार सिन्हा ने मीडिया को दिए अपने बयान को एक्स पर भी पोस्ट किया. उन्होंने लिखा, ''सैम पित्रोदा के कांग्रेस में वापस आने से यह साफ हो गया कि सैम पित्रोदा का हर जहरीला बयान कांग्रेस और उसके शहजादे की ही सोच थी.'' सिन्हा ने आरोप लगाया कि कांग्रेस सत्ता में आने के लिए भ्रम फैलाने की राजनीति कर रही है.
यह भी पढ़ें: अजित पवार ने विपक्ष पर किया तीखा हमला, लगाया फर्जी कहानी गढ़ने का आरोप
सैम पित्रोदा के कांग्रेस में वापस आने से यह साफ हो गया कि सैम पित्रौदा का हर जहरीला बयान कांग्रेस और उसके शहजादे की ही सोच थी। pic.twitter.com/QIKHZ3tKNH
— Vijay Kumar Sinha (@VijayKrSinhaBih) June 27, 2024
सैम पित्रोदा और कांग्रेस की राजनीति पर निशाना
वहीं विजय कुमार सिन्हा ने अपने बयान में कहा, ''यही कैरेक्टर है. जब सत्ता में आने का रहेगा, चुनाव होगा तो भ्रम फैलाओ. जो गलत लोग हैं उनको अपने से दूर करो और जब चुनाव खत्म हो जाए तो जनेऊ उतार दो. भ्रष्ट लोगों को सटा लो और सत्ता में बैठा दो.'' सिन्हा ने कांग्रेस की राजनीति की आलोचना करते हुए कहा कि कांग्रेस सिर्फ चुनावी लाभ के लिए लोगों को गुमराह करती है और सत्ता में आते ही अपने असली चेहरे को दिखाती है.
मीसा भारती का समर्थन - 'लोकतंत्र के महत्व पर जोर'
आपको बता दें कि सांसद आरके चौधरी की मांग का पाटलिपुत्र की सांसद मीसा भारती ने भी समर्थन किया है. मीसा भारती ने कहा कि सेंगोल को संसद से हटाकर म्यूजियम में रखा जाना चाहिए, जहां देश के सभी लोग उसे देख सकें. उन्होंने कहा, ''यह लोकतंत्र है, अब राजतंत्र नहीं रहा। सेंगोल को म्यूजियम में रखना चाहिए, जहां लोग उसे देख सकें. जिसने भी यह मांग की है, अच्छा किया है. हम इसका समर्थन करते हैं.''
सेंगोल का इतिहास और महत्व
वहीं सेंगोल भारतीय सभ्यता और संस्कृति का एक महत्वपूर्ण प्रतीक है. यह शासकों के शासनकाल में शक्ति और न्याय का प्रतीक माना जाता था. संसद में इसे रखने का उद्देश्य देश की पुरानी परंपराओं और मूल्यों को याद दिलाना था. हालांकि, वर्तमान में इसे लेकर विवाद उत्पन्न हो गया है कि यह प्रतीक आज के लोकतांत्रिक युग में प्रासंगिक है या नहीं.
संविधान की प्रति की मांग
इसके अलावा आपको बता दें कि सांसद आरके चौधरी का कहना है कि संविधान देश का सबसे महत्वपूर्ण दस्तावेज है, जो लोकतंत्र के मूल्यों और सिद्धांतों को दर्शाता है. उन्होंने मांग की है कि संसद में संविधान की प्रति को प्रमुखता से रखा जाए, ताकि सांसद और देश की जनता यह समझ सके कि हमारा देश संविधान द्वारा संचालित होता है, न कि पुरानी राजतंत्र की प्रतीकात्मक वस्तुओं द्वारा.
HIGHLIGHTS
- सेंगोल हटाने की मांग पर BJP के इस नेता ने कही बड़ी बात
- विजय कुमार सिन्हा ने कांग्रेस पर किया हमला
- सैम पित्रोदा और कांग्रेस की राजनीति पर निशाना
Source : News State Bihar Jharkhand
/newsnation/media/agency_attachments/logo-webp.webp)
 Follow Us
 Follow Us