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बिहार में तीसरी लहर की आहट: रिपोर्ट नेगेटिव, मगर बच्चे के फेफड़े 90 फीसदी तक संक्रमित

बिहार में कोरोना की तीसरी लहर की आहट सुनाई देने लगी है. राजधानी पटना के अस्‍पताल आईजीआईएमएस में बच्चा कोरोना के संक्रमण मिला है.

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Dalchand Kumar
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तीसरी लहर की आहट: रिपोर्ट नेगेटिव, मगर बच्चे के फेफड़े 90% तक संक्रमित( Photo Credit : फाइल फोटो)

भारत में कोरोना वायरस की दूसरी लहर पर भले ही लगभग काबू लिया गया है, मगर देश में तीसरी लहर की चिंता बढ़ती जा रही है. तीसरी लहर में बच्चों पर घातक असर होने की आशंका से डर और अधिक सता रहा है. अमूमन बिहार में भी यही स्थिति बनी हुई है. इस बीच राजधानी पटना से एक ऐसा मामला सामने आया है, जिससे न सिर्फ परिवार और आसपास के लोग, बल्कि डॉक्टर भी हैरान हैं. इससे बिहार में भी कोरोना की तीसरी लहर की आहट सुनाई देने लगी है. 

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दरअसल, राजधानी पटना के अस्‍पताल आईजीआईएमएस में बच्चा कोरोना के संक्रमण मिला है. मगर सबसे बड़ी बात यह है कि इस बच्चे की आरटी-पीसीआर और एंटीजन रिपोर्ट निगेटिव आई हैं, लेकिन सीटी स्कैन में फेफड़े 90 फीसदी तक संक्रमित पाए गए हैं. इतना ही नहीं, बच्चे के लिवर और किडनी में भी संक्रमण का दुष्प्रभाव देखा गया है. आश्चर्य की बात यह भी है कि इस बच्चे के परिवार में अब तक किसी को कोरोना वायरस नहीं हुआ है. ऐसे में डॉक्टर भी अब इस तरह के नए मामलों को लेकर हैरान हैं.

जानकारी के अनुसार, इस बच्चे की उम्र 8 साल है, जो बिहार के छपरा का रहने वाला है. आरटी-पीसीआर या एंटीजन टेस्ट नेगेटिव आने और परिवार में किसी के कोरोना न होने के बाद डॉक्टरों को इस बात की आशंका है कि कहीं यह कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर का लक्षण तो नहीं है. मनीष मंडल के अनुसार, बच्चे को खांसी, बुखार और सांस फूलने की शिकायत थी. जिसके बाद उसे 22 मई को इमरजेंसी में भर्ती कराया गया था. मनीष मंडल ने बताया कि सीटी स्कैन में बच्चे का 90 प्रतिशत फेफड़ा संक्रमित हो चुका था. न्यूज नेशन से बातचीत में आईजीआईएमएस के अधीक्षक मनीष मंडल ने कहा कि ये चिंता का विषय है.

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आपको बता दें कि इससे पहले दरभंगा मेडिकल कॉलेज अस्पताल (डीएमसीएच) में हाल में चार बच्चों की मौत हो गई थी. हालांकि इसमें से सिर्फ एक बच्चा कोरोना पॉजिटिव था जबकि तीन बच्चे निमोनिया सहित अन्य बीमारियों से पीड़ित थे. सभी बच्चों की हालत गंभीर थी. लेकिन उधर, जन अधिकार पार्टी के प्रमुख पप्पू यादव ने बच्चों की हुई मौत पर सवाल खड़े किए थे और कहा था कि चारों बच्चों की मौत कोरोना से हुई है.

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