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रघुवंश प्रसाद सिंह के निधन पर बिहार के इन दिग्गज नेताओं ने जताया शोक

बिहार भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने रघुवंश प्रसाद सिंह के निधन पर शोक प्रकट करते हुए कहा कि उनका जाना बिहार की राजनीति में एक युग का अवसान है.

Updated on: 13 Sep 2020, 05:23 PM

नई दिल्ली:

बिहार के वैशाली जिले के रहने वाले समाजवादी नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री रघुवंश प्रसाद सिंह के निधन की खबर के बाद राज्य के सियासी हलकों में शोक की लहर उमड़ गई है. सभी राजनीतिक दलों के नेताओं ने सिंह के निधन पर शोक प्रकट किया है. बिहार भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने रघुवंश प्रसाद सिंह के निधन पर शोक प्रकट करते हुए कहा कि उनका जाना बिहार की राजनीति में एक युग का अवसान है. ईश्वर उन्हें अपने श्री चरणों में जगह तथा उनके शोक संतप्त परिजनों एवं समर्थकों को इस अपार दु:ख को सहने की शक्ति प्रदान करें.

इधर, केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानन्द राय ने पूर्व केंद्रीय मंत्री के असामयिक निधन पर शोक संवेदना प्रकट करते हुए कहा, वरिष्ठ राजनेता रघुवंश बाबू के निधन की सूचना अत्यंत दु:खद है. वे कुछ समय से बीमार चल रहे थे. रघुवंश बाबू का पूरा जीवन सादगी व सरलता के साथ जनता के बीच गुजरा है. उनके निधन से बिहार के राजनीतिक पटल पर एक शून्य पैदा हुआ है. दिवंगत आत्मा की शांति की प्रार्थना करता हूं. श्रद्घांजलि.

पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने सिंह के निधन पर शोक प्रकट करते हुए कहा कि उनके निधन से पूरा राजद परिवार दुखी एवं मर्माहत है. उन्होंने अपने शोक संदेष में कहा, "वे हमसब को छोड़ कर चले गये हैं, मगर उनके द्वारा मेरे परिवार को दिया गया स्नेह, प्यार और राजद को दिया गया संबल सदा याद आएगी. रघुवंश बाबू का व्यक्तित्व विशाल था. वे राजद के स्तंभ थे."

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और युवक कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ललन कुमार ने भी राजद के नेता के निधन पर शोक प्रकट किया है. उन्होंने कहा, "पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं प्रखर समाजवादी नेता रघुवंश प्रसाद सिंह जी के निधन से राजनीतिक एवं सामाजिक जगत को अपूरणीय क्षति हुई है. ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति एवं परिवार, शुभचिंतको को मजबूती प्रदान करे."

बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने भी सिंह के निधन पर शोक प्रकट किया है.

उधर, राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा ने शोक प्रकट करते हुए कहा कि यह बहुत ही दुखद खबर है. उनके जाने के बाद उनकी कमी निकट भविष्य में नहीं पूरी हो पाएगी. कुशवाहा ने कहा, "एक खास किस्म की जो राजनीति है उस राजनीति की अंतिम कड़ी के रूप में रघुवंश बाबू जाने जाएंगे. उनके अंदर सच को सच कहने का जो अदम्य साहस था."