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बिहार विधानसभा में इस विधायक की शपथ पर मचा संग्राम तो एक के लिए जमकर थपथपाई गईं मेज

बिहार विधानसभा चुनाव के बाद नीतीश कुमार की सरकार बन गई। नवगठित विधानसभा के पहले सत्र के पहले दिन सोमवार को नवनिर्वाचित विधायकों ने शपथ ग्रहण किया, इस दौरान जमकर राजनीति भी देखने को मिली.

Updated on: 24 Nov 2020, 04:22 PM

पटना:

बिहार विधानसभा चुनाव के बाद नीतीश कुमार की सरकार बन गई। नवगठित विधानसभा के पहले सत्र के पहले दिन सोमवार को नवनिर्वाचित विधायकों ने शपथ ग्रहण किया, इस दौरान जमकर राजनीति भी देखने को मिली. ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) पार्टी के विधायक अख्तरुल इमान ने जहां देश के नाम हिंदुस्तान पर आपत्ति जताई, वहीं कटिहार के कदवा क्षेत्र से विधायक शकील अहमद खान ने संस्कृत भाषा में शपथ ग्रहण कर सौहार्द की मिसाल पेश की.

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ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के एक नवनिर्वाचित सदस्य अख्तरुल इमान ने उर्दू में शपथ लेते हुए 'हिंदुस्तान' पर आपत्ति जताई. जिस पर विधानसभा में हंगामा हो गया. अख्तरुल इमान ने 'हिंदुस्तान' शब्द के स्थान पर ‘भारत’ शब्द का उपयोग किया और इसी नाम के उपयोग की वकालत भी की. जिसके बाद उर्दू में शपथ ग्रहण के दौरान ‘हिंन्दुस्तान’ के स्थान पर ‘भारत’ शब्द के उपयोग को लेकर नया विवाद खड़ा हो गया. इसपर सदन के प्रोटेम स्पीकर जीतन राम मांझी ने कहा कि भारत का संविधान तो हमेशा से चला आ रहा है, आज कोई नई बात नहीं है, सभी उसी नाम पर शपथ लेते हैं.

शपथ ग्रहण के बाद जब पत्रकारों ने उनसे सवाल किया कि उन्हें ‘हिंदुस्तान’ शब्द से क्या आपत्ति है, इमान ने कहा, 'मुझे इस शब्द को लेकर कोई आपत्ति नहीं थी, मात्र एक संशोधन था. संविधान की प्रस्तावना में हम भारत के लोग का वर्णन है इसलिए उसका अनुवाद किए जाने के समय उसमें भारत शब्द का होना ज्यादा मुनासिब है. मुझे हिंदुस्तान शब्द से कोई एतराज नहीं पर, लेकिन संविधान में भारत शब्द का ज्यादा इस्तेमाल हुआ है इसलिए हमारे दृष्टिकोण से इस शब्द का जैसा कि अन्य भाषाओं में अनुवाद किए जाने के दौरान भारत ही किया जाता है, का इस्तेमाल किया जाना अधिक उचित होगा.'

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तो उधर, कांग्रेस विधायक शकील अहमद खान ने अपनी महजबी भाषा उर्दू के बजाए संस्कृत में शपथ ली. वह जब संस्कृत में शपथ ग्रहण कर रहे थे, तब कई सदस्यों ने मेज थपथपाकर उनकी तारीफ की. सदन से बाहर निकलने के बाद खान ने कहा, 'उर्दू उनकी भाषा है. इसे आगे बढ़ाने के लिए विधानसभा के बाहर और अंदर मैं अपनी आवाज उठाता रहा हूं. संस्कृत हिंदुस्तान की रूह की जुबान है. यह सभ्यता और संस्कृति की भाषा रही है. यह अलग बात है कि समय गुजरने के बाद, आमलोगों की भाषा नहीं बन सकी.' उन्होंने कहा, 'संस्कृत मुझे प्रारंभ से अच्छी लगती है. सभी भाषाएं सही हैं. किसी भाषा से भेदभाव नहीं हो, किसी पर भाषा भी नहीं थोपी जाए, यह भी सरकार की पॉलिसी होनी चाहिए.'

विधायक शकील अहमद ने एआईएमआईएम के विधायक अख्तरुल इमान को भी नसीहत दी और कहा, 'वे पहले भी विधानसभा के सदस्य रह चुके हैं. पहली बार वे विधानसभा की शपथ ली थी, तब क्या उन्होंने हिंदुस्तान शब्द पर ऐतराज जताया था उन्हें याद करना चाहिए.'

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इसके अलावा नवगठित बिहार विधानसभा के प्रथम सत्र के पहले दिन सोमवार को उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद और रेणु देवी के अलावा केवल एक मंत्री जिवेश कुमार को छोड़कर अन्य सभी आठ मंत्रियों विजय कुमार चौधरी, बिजेंद्र प्रसाद यादव, शीला कुमारी, अमरेन्द्र प्रताप सिंह, रामप्रीत पासवान और राम सूरत कुमार, के साथ साथ राजद नेता तेजस्वी प्रसाद यादव एवं उनके बड़े भाई तेजप्रताप यादव सहित सदन के कुल 243 सदस्यों में कुल 190 नवनिर्वाचित सदस्यों ने शपथ ली.

इस दौरान कुछ विधायकों ने सुनकर शपथ ली. अररिया से कांग्रेस विधायक आबिदुर्रहमान किसी कारणवश अपना शपथ पत्र नहीं पढ़ पा रहे थे, जब उन्होंने अपनी पार्टी के सदस्य संजय कुमार तिवारी का सहारा लिया. मुन्ना तिवारी ने सीट पर बैठकर शपथ पत्र पढा, जिसे आबिदुर्रहमान खड़े होकर दोहराया. इसी तरह रामनगर से निर्वाचित बीजेपी सदस्य भागीरथी देवी ने शपथ ली. बीजेपी के विनोद नारायण झा ने बैठकर शपथ पत्र पढ़ा, जिसे सुन भागीरथी देवी ने दोहराकर शपथ ग्रहण की.