2 किमी. रेल पटरी की चोरी.( Photo Credit : News State Bihar Jharakhand)
समस्तीपुर में रेल इंजन के स्क्रैप बेचे जाने का मामला शांत भी नहीं हुआ कि अब रेल पटरी की चोरी होने की ख़बर सामने आ गई. दरअसल हुआ यूं कि लोहट चीनी मिल के लिए रेलवे लाइन बिछाई गई थी. हालांकि मिल बंद होने के बाद रेल लाइन को भी बंद कर दिया गया, लेकिन धीरे-धीरे रेल लाइन से पटरियां गायब होने लगी. लिहाजा मामले की जांच की गई और जब पटरियों के गायब होने की खबर सामने आई तो रेल प्रशासन के पैरों तले जमीन खिसक गई. बिहार के समस्तीपुर रेलमंडल में 2 किलोमीटर रेल पटरी की चोरी हो गई है.
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बिहार में चोरों के हौसले किस कदर बुलंद है ये जगजाहिर है. यहां चोर पैसों और गहनों की चोरी नहीं करते, बल्कि कभी पुल पर हाथ साफ करते हैं तो कभी मोबाइल टावर ही उठाकर ले जाते हैं. समस्तीपुर के चोरों ने एक दो नहीं बल्कि चार कदम आगे बढ़कर रेल की पटरियां ही चुरा ली है. दरअसल पंडौल स्टेशन से लोहट चीनी मिल के लिए रेलवे लाइन बिछाई गई थी. चीनी मिल लंबे समय से बंद होने के बाद इस लाइन को बंद कर दिया गया. बताया गया है कि रेलवे लाइन का स्क्रैप बिना ऑक्शन किए बेच दिया गया. आरपीएफ की मिलीभगत से स्क्रैप कारोबारी के हाथों बेच दिया गया.
मामले की भनक लगते ही रेल महकमे में हड़कंप मच गया. जिसके बाद विभागीय स्तर पर जांच कमिटी बनाई गई है. सूत्रों की मानें तो आरपीएफ के पुलिस पदाधिकारी की मिलीभगत से स्क्रैप बेचा जा रहा है. ऐसे में समस्तीपुर रेल मंडल के सुरक्षा आयुक्त ने आरपीएफ को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया. जिसमें रेलवे मंडल के झंझारपुर आरपीएफ आउटपोस्ट प्रभारी श्रीनिवास के अलावा मधुबनी के जमादार मुकेश कुमार सिंह शामिल हैं.
फिलहाल दरभंगा आरपीएफ पोस्ट और रेलवे विजिलेंस की टीम पूरे मामले की जांच कर रही है. गौरतलब है कि समस्तीपुर रेल मंडल के पूर्णिया कोर्ट में कुछ महीने पहले ही रेल इंजन के स्क्रैप बेचे जाने की खबर सामने आई थी. ऐसे में एक के बाद एक इस तरह मामले रेल प्रशासन पर भी सवाल खड़े करती है. हर बार आनन-फानन में किसी पर कार्रवाई हो जाती है और फिर मामला ठंडे बस्ते में डाल दिया जाता है. बहरहाल अब इस मामले को भी ठंडे बस्ते में डाला जाता है या पूरी जांच के बाद कुछ और खुलास होता है. ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा.