बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को राज्य के सभी पंचायत और नगर निकायों के जनप्रतिनिधियों के साथ वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए संवाद करते हुए कहा कि कोरोना वायरस से डरने की जरूरत नहीं है. उन्होंने इसे विश्वव्यापी संकट बताते हुए कहा कि हर कोरोना पीड़ितों का इलाज राज्य सरकार अपने संसाधन से कराएगी. उन्होंने कहा कि विदेश से आने वाले सभी लोगों की जांच की जा रही है. मुख्यमंत्री ने कहा, "जो भी लोग बाहर से आ रहे हैं, उनकी सघन जांच की जा रही है. विदेशों से आए सभी लोगों की भी जांच हो रही है. बाहर से आने वाले लोगों के लिए हम सभी को सचेत रहना पड़ेगा, लेकिन इसके साथ ही ये देखना भी जरूरी है कि उनके साथ कोई गलत व्यवहार ना हो."
उन्होंने कहा कि बाहर से आने वालों के लिए स्कूलों या फिर अन्य चिह्न्ति जगहों पर उनके लिए आवासन, भोजन एवं चिकित्सकीय सुविधा की सरकार की तरफ से व्यवस्था की गई है. मुख्यमंत्री ने दावा करते हुए कहा कि लोगों से प्राप्त सूचनाओं के मुताबिक, बिहार के करीब एक लाख साठ हजार लोग, दूसरे प्रांतों में फंसे हुए हैं.
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उन्होंने कहा, "बिहार के सभी राशन कार्डधारी के खाते में राज्य सरकार की तरफ से एक हजार रुपये भेजे जा रहे हैं. आज ही से उनके खाते में ये राशि चली जाएगी."
उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस से लड़ने के लिए सरकार ने कोरोना उन्मूलन फंड का गठन किया है, जिसमें सभी विधायक और विधान पार्षदों से सीएम ऐच्छिक कोष में पचास लाख रुपये लिए गए हैं.
उन्होंने कहा कि आपदा प्रबंधन के लिए 100 करोड़ रुपये दिए गए हैं, और भी जरूरत होगी तो वह भी देंगे. उन्होंने कहा कि कोरोना से डरने नहीं, सचते रहने की जरूरत है.
Source : IANS