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तीन साल से बांध है क्षतिग्रस्त ( Photo Credit : NewsState BiharJharkhand)
राज्य में सरकार की लापरवाही का खामियाजा लोगों को भुक्तना पड़ता है. कहने को तो विकास की ओर राज्य आगे बढ़ रहा है, लेकिन इसकी असल में कुछ और ही तस्वीर देखने को मिल रही है. इंडो नेपाल सीमा पर कुछ ऐसा ही देखने को मिल रहा है जहां लोग डर के माहौल में जीने को मजबूर हैं. सरकार से कई बार गुहार भी लगाई गई. मगर कोई सुनवाई नहीं हुई. नदी पर बांध तो बनवा दिया गया मगर इसकी मरम्मत पिछले तीन साल से नहीं हुई है. जिससे किसानों की खेत जलमग्न हो जाती है.
डर में जीने को मजबूर लोग
दरअसल, इंडो नेपाल सीमा पर स्थित सिकटा पंचायत में लोग हर दिन डर में जीते हैं. इनके डर का कारण प्रशासन की उदासीनता है. तीन साल पहले सिकटा नदी का बांध छठिया घाट के पास क्षतिग्रस्त हो गया था, लेकिन आज तक इसकी मरम्मत नहीं हो सकी है. जिससे लोगों को काफी परेशानी हो रही है. बारिश का मौसम भी शुरू होने वाला है. ऐसे में लोगों को ये डर सता रहा है कि फिर से उनके खेत जलमग्न हो जाएंगे. पिछले तीन साल से बांध के कारण बारिश के मौसम में नदी का पानी खेतों में आ जाता है. जिससे हजारो एकड़ खेत जलमग्न हो जाता है. कई गावों में बाढ़ जैसे हालात हो जाते हैं.
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हार साल झेलते हैं बाढ़ की मार
ग्रामीणों का कहना है कि तीन साल से बांध क्षतिग्रस्त है, लेकिन अब तक प्रशासन इसकी मरम्मत नहीं कर सका है और बस कुछ दिनों में बारिश का मौसम शुरू हो जायेगा. जिससे हमे डर सताने लग गया है. हर साल सिकटा नदी का पानी हमारे घरों में घुस आता है. कई बार बांध की मरम्मत को लेकर गुहार भी लगाई गई है, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई है. ऐसे में इस साल भी हमारा वहीं हाल होने वाला है.
HIGHLIGHTS
- डर के माहौल में जीने को मजबूर हैं लोग
- तीन साल पहले सिकटा नदी का बांध हो गया था क्षतिग्रस्त
- तीन साल बाद भी बांध का नहीं हो सका है मरम्मत
Source : News State Bihar Jharkhand