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COVID19 से जंग के बीच नीतीश कुमार के करीबी मंत्री ने यह तस्वीर पोस्ट कर सरकार की कराई फजीहत

दरअसल, बिहार में कोरोना वायरस के बढ़ते खतरे के बीच राज्य के जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा ने ट्विटर पर दो तस्वीरें शेयर की हैं. इनमें कोररोना से बचाव के लिए पुलिसकर्मी पीपीई किट के बजाय रेन कोट पहने नजर आ रहे हैं.

Updated on: 10 Apr 2020, 11:21 AM

पटना:

कोरोना वायरस (corona virus) लगातार अपने पांव पसरता जा रहा है. महामारी का रूप ले चुके कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए आम और खास तक अब एक-दूसरे को सहयोग दे रहे हैं. बिहार (Bihar) की नीतीश सरकार भी कोरोना वायरस संक्रमित मरीजों की बढ़ती संख्या पर रोक लगाने के लिए सख्त कदम उठा रही है. मगर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) के करीबी मंत्री ने इस गंभीर बीमारी से लड़ाई लड़ने के दौरान सोशल मीडिया पर एक तस्वीर पोस्ट कर अपनी ही सरकार की फजीहत करवा दी है.

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दरअसल, बिहार में कोरोना वायरस के बढ़ते खतरे के बीच राज्य के जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा ने ट्विटर पर दो तस्वीरें शेयर की हैं. इनमें कोररोना से बचाव के लिए पुलिसकर्मी पीपीई किट के बजाय रेन कोट पहने नजर आ रहे हैं. मंत्री संजय कुमार झा ने तस्वीर को शेयर करते हुए लिखा, 'रेन कोट को सुरक्षा कवच बनाने वाले इन पुलिसकर्मियों का सम्मान करते हुए लोग लॉक डाउन का पालन करें.'

मंत्री द्वारा शेयर इस तस्वीर के बाद बिहार सरकार की कोरोना से लड़ाई की पोल भी खुल गई है. इसे लेकर अब सरकार की किरकिरी हो रही है. कई यूजरों ने ट्विटर पर ही नीतीश सरकार पर तंज कसा. एक यूजर ने लिखा, 'उनको पता है सरकार के भरोसे रहेंगे तो जिंदगी सुरक्षित नहीं है. 15-15 साल लूटने के बाद इसके लिए फंड कहा से आयेगा.' वहीं एक अन्य यूजर ने लिखा, 'इस से काम नहीं चलेगा सर किट की व्यवस्था कीजिए. तब तक पुलिस अपने तरीके से सेवा कर रही है.ये उनकी कर्मठता है.'

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गौरतलब है कि कोरोनावायरस के संदिग्ध मरीजों की संख्या में दिन-प्रतिदिन वृद्धि हो रही है. राज्य में हालात न बिगड़े, इसके लिए राज्य सरकार द्वारा कई एहतियाती कदम उठाए जाने का दावा किया जा रहा है. लेकिन यहां की हकीकत बिहार सरकार के दावों के उलट है. राज्यों के क्वारंटीन सेंटरों की स्थिति बदतर है. अस्पतालों में मरीजों के लिए ही नहीं, बल्कि डॉक्टर्स के लिए भी जरुरत के सामानों की काफी कमी है. आज चिकित्सक अपनी जान की बाजी लगाकर कोरोना संक्रमित लोगों का इलाज कर रहे हैं, लेकिन उन्हें एक अदद पीपीई (चिकित्सा के लिए जरूरी सुरक्षात्मक उपकरण ) किट तक उपलब्ध नहीं है और अन्य चिकित्सा उपकरण की भी कमी है.

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