बिहार में राज्यसभा चुनाव के लिए सवर्ण कार्ड का खेल, जानिए सियासी समीकरण
बता दें कि अमरेंद्रधारी सिंह पटना जिले के विक्रम के रहने वाले हैं और अहमद पटेल के काफी करीबी माने जाते हैं. वो एक बड़े व्यवसायी और जमींदार है.
पटना:
बिहार (Bihar) में ये साल चुनावी है और राजनीतिक दल सवर्ण कार्ड खेल रहे हैं. राज्यसभा (Rajya Sabha) के टिकट के सहारे जदयू, बीजेपी और राजद ने जाति कार्ड खेला है. बीजेपी (BJP) ने भूमिहार जाति के विवेक ठाकुर को अपना उम्मीदवार बनाया तो राजद ने इसकी काट के रूप में भूमिहार कार्ड ही खेल दिया है. बिहार में राज्यसभा की पांच सीटों के लिए 26 मार्च को चुनाव होना है. इस चुनाव को लेकर बिहार में खूब खेल हो रहा है. जदयू (JDU) ने तो दोनों उम्मीदवार रिपीट कर दिए, उसमें एक सवर्ण खेमे यानी राजपूत जाति से और दूसरा प्रत्याशी अति पिछड़ा जाति से है. लेकिन असली खेल भारतीय जनता पार्टी और राष्ट्रीय जनता दल में चल रहा है.
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बीजेपी में सीपी ठाकुर के बेटे विवेक ठाकुर को टिकट दिया तो राजद ने भी उसी जाति के ए डी सिंह को उतार दिया. बीजेपी का परंपरागत वोटबैंक भूमिहार माना जाता रहा है. मगर वह लोकसभा चुनाव के समय से ही बीजेपी से नाराज है. हालांकि राज्यसभा के चुनाव में बीजेपी ने उसे साधने की कोशिश की है.
इधर माना जाता है कि लालू हमेशा से भूमिहार विरोधी रहे हैं, लेकिन इस बार बीजेपी के इस नाराज वोटबैंक को साधने की फिराक में एक ऐसे धन्नासेठ को राज्यसभा भेजने का फैसला किया, जिसे उनकी पार्टी खुद ही नहीं जानती है. अमरेंद्र धारी सिंह रियल स्टेट और केमिकल फैक्टरी चलाते हैं. राजद ने एक टिकट भूमिहार और एक टिकट वैश्य को दिया. यानी बीजेपी के परंपरागत वोट बैंक पर चोट की है. इस पर तेजस्वी यादव कहते हैं कि हमारी पार्टी अब मात्र एमवाई की नहीं, बल्कि भूमिहार और A to Z की पार्टी बन रही है.
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वैसे अमरेंद्र धारी सिंह, ये ना तो राजनीति का जाना-माना चेहरा हैं और ना ही कभी किसी ने राजनीतिक महकमे में उनका नाम सुना था. कल तक दूसरे नामों के कयास लग रहे थे, लेकिन गुरुवार को अमरेंद्रधारी सिंह के नाम का ऐलान कर दिया गया. लोगों के मन में सवाल है कि आखिर कौन हैं ये अमरेंद्रधारी सिंह, जिनपर राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने इतना भरोसा जताया है.
बता दें कि अमरेंद्रधारी सिंह पटना जिले के विक्रम के रहने वाले हैं और अहमद पटेल के काफी करीबी माने जाते हैं. वो एक बड़े व्यवसायी और जमींदार है. पाटलिपुत्र कॉलोनी में उनका बड़ा आलीशान घर है. पटना के पालीगंज के अंइखन गांव में एक हजार बीघा जमीन के मालिक हैं. 55 साल के अमरेंद्रधारी सिंह ने अबतक शादी नहीं की है. उनका रियल एस्टेट समेत 13 देशों में फर्टिलाइजर और केमिकल के इंपोर्ट का व्यवसाय है. साथ ही अमरेंद्रधारी सिंह दिल्ली के गोल्फ क्लब के भी सदस्य हैं. इस क्लब में बिहार के सिर्फ तीन सदस्य हैं- किंग महेंद्र, रविशंकर प्रसाद और अमरेंद्रधारी सिंह.
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