विश्वप्रसिद्ध सोनपुर मेले की खत्म हो रही ख्याति, रातभर खूब चलती है अश्लीलता
तेज धुन पर एक बार फिर बार बालाओं के जमकर ठुमके लगेंगे वो भी प्रशासन की इजाजत से . दरअसल, प्रशासन ने 3 थियेटरों को इजाजत दे दी है. लेकिन आधे दर्जन से ज्यादा थिएटर लगने का अनुमान है. कोरोना के कारण पिछले दो साल से मेला नहीं लग रहा था.
highlights
. थिएटर के नाम पर अश्लीलता
. सरकार खुद देती है इजाजत
. प्रशासन ने 3 थियेटरों को दी इजाजत
Hajipur:
बिहार के विश्वविख्यात हरिहरक्षेत्र सोनपुर मेला की तैयारियां पूरी हो चुकी है. इस मेले का उद्घाटन कई सालों बाद सीएम नीतीश कुमार करेंगे. छह नवंबर को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस मेला का विधिवत उद्घाटन करेंगे. वैसे तो विश्व प्रसिद्ध सोनपुर मेले की पहचान पशु मेले के रूप में है. लेकिन यहां के लगने वाले थिएटर और बाजार सहित सरकारी और गैर सरकारी प्रदर्शनी भी लोगों को आकर्षित करती है. रात में लगने वाले थिएटर लोगों को खूब लुभाता है. बदलते वक्त ने इस थिएटर ने आर्केस्ट्रा का रूप ले लिया. थिएटर के नाम पर अश्लीलता सरेआम फैलाई जाती है और इसकी इजाजत भी खुद सरकार ही देती है.
3 थियेटरों को मिली इजाजत
तेज धुन पर एक बार फिर बार बालाओं के जमकर ठुमके लगेंगे वो भी प्रशासन की इजाजत से . दरअसल, प्रशासन ने 3 थियेटरों को इजाजत दे दी है. लेकिन आधे दर्जन से ज्यादा थिएटर लगने का अनुमान है. कोरोना के कारण पिछले दो साल से मेला नहीं लग रहा था.
2 साल से नहीं लगा था थिएटर
हर तबके के लोग अपनी चाहत के साथ मेला घूमने आते हैं. कोई सामान खरीदता है, कोई झूला झूलता है, कोई प्रदर्शनी देखता है, कोई कृषि और पशुपालन की जानकारी लेता है तो कोई थिएटर में रात भर बार बालाओं को देख कर अपनी आंखें सेकता है. बीते 2 वर्षों में मेला नहीं लगने से थिएटर भी नहीं लगा था. लेकिन इस बार मेला भी लग रहा है और थिएटर देखने के शौकीन लोगों के लिए खुशखबरी भी है कि प्रशासन की ओर से तत्काल 3 थियेटरों को चलाने की अनुमति दे दी गई है. जिनके पंडाल कार्य पूर्ण होते ही लाइसेंस दे दिया जाएगा.
प्रशासनिक देखरेख में थियेटरो का संचालन
सोनपुर के एसडीएम सुनील कुमार ने बताया कि सोनपुर हरिहर क्षेत्र मेला के नखास क्षेत्र में 3 थिएटर चलाने की अनुमति दे दी गई है. प्रशासनिक देखरेख में थियेटरो का संचालन होगा. प्रशासनिक मंजूरी मिलते हैं थिएटर चलाने वाले और देखने वालों में खुशी की लहर दौड़ गई है. बताते चलें कि आजादी के पहले से ही सोनपुर के हरिहर क्षेत्र मेले में नाच गाना के प्रोग्राम का आयोजन किया जाता रहा है.
नृत्य की जगह अब होता है श्लील डांस
वहीं, अब बदलकर बीते 3 दशकों से थिएटर के रूप में विकसित हो गया है. जानकार बताते हैं कि पहले हाथी घोड़ा और मवेशियों को खरीदने के लिए दूरदराज से लोग आते थे. जिनके मनोरंजन के लिए नृत्य का कार्यक्रम होता था. समय के साथ इस कार्यक्रम ने भी रूप बदला और तेज धुन में अश्लील डांस ने जगह ले लिया.
प्रशासन के नाक के निचे लगते हैं बार बालाओं के ठुमके
2019 में जब मेला लगा था तब यहां आधे दर्जन से ज्यादा थियेटर लगे थे हालांकि थियेटरों में अश्लीलता नहीं हो इसके लिए प्रशासन की ओर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाते हैं. बावजूद वह सब कुछ चलता रहता है जिसके लिए आधुनिक थिएटर सोनपुर का प्रसिद्ध है. आप दो साल पहले की वीडियो को देखकर अनुमान लगा सकते हैं कि किस तरीके से थिएटर में क्या कुछ होता है. कैसे बार बालाएं ठुमके लगाती है, कैसे इशारों से लोगों को करीब बुलाया जाता है, कैसे उनसे पैसे और अन्य सामान लिए जाते हैं.
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