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शिक्षा व्यवस्था भगवान भरोसे( Photo Credit : प्रतीकात्मक तस्वीर)
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शिक्षा व्यवस्था भगवान भरोसे( Photo Credit : प्रतीकात्मक तस्वीर)
समस्तीपुर की शिक्षा व्यवस्था भगवान भरोसे है. यहां बच्चों के लिए स्कूल भवन तो दूर की बात, स्कूल के लिए जमीन तक नहीं है. ग्रामीणों ने बच्चों के लिए एक फूस की झोपड़ी बना दी है, जिसमें बैठकर जैसे-तैसे पढ़ाई होती है. समस्तीपुर में कैसे बच्चों की शिक्षा से खिलवाड़ किया जा रहा है. छात्र जमीन पर बैठे हैं, आस-पास फूस की कमजोर दीवार और इन्हीं कमजोर दीवारों की छांव में बैठकर मजबूत भविष्य गढ़ने की नौनिहाल कोशिश कर रहे. ये तस्वीरें समस्तीपुर की है, जहां छात्रों की शिक्षा भगवान भरोसे है. जिले के शिक्षा विभाग और स्थानीय प्रशासन के उदासीन रवैये का दंश यहां के छात्र झेलने को मजबूर है. चकनूर प्राथमिक विद्यालय नवघरिया टोला की हालात बद से बदतर है.
झोपड़ी में जमीन पर बैठ कर पढ़ रहे बच्चे
स्कूल के लिए ना तो भवन है और ना ही कोई जमीन. मजबूरन इन बच्चों को फूस की झोपड़ी में जमीन पर बैठकर पढ़ना पड़ता है. इस स्कूल में पहली से लेकर 5वीं तक के बच्चे पढ़ते हैं. छात्रों की संख्या 100 से ज्यादा है, लेकिन छात्रों को पढ़ाने के लिए सिर्फ तीन टीचर है. जिसमें एक टोला सेवक भी है, ऐसे में जैसे-तैसे छात्रों की पढ़ाई हो पाती है.
यहां के छात्रों की परेशानी सिर्फ इतनी भर नहीं है. स्कूल में पानी की सुविधा भी नहीं है. बच्चों को पानी पीने के लिए ग्रामीणों के चापाकल पर जाना पड़ता है. स्कूल भवन नहीं है, लिहाजा शौचालय की भी व्यवस्था नहीं है. जिसके चलते ना सिर्फ छात्र बल्कि टीचर्स को भी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. स्कूल के नाम पर जो फूस की झोपड़ी है वो भी ग्रामीणों की मेहरबानी है. दरअसल, गांव वालों ने बच्चों के लिए श्रमदान कर फूस की झोपड़ी बना दी ताकि बच्चे पढ़ाई से वंचित ना हो.
एक तरफ ग्रामीण और स्कूल प्रबंधन छात्रों की शिक्षा के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं, तो दूसरी तरफ शिक्षा विभाग और प्रशासनिक अधिकारी कुंभकर्णी नींद में सोए हैं. अधिकारियों के साथ ही स्थानीय जनप्रतिनिधि भी स्कूल भवन निर्माण के लिए कोई पहल नहीं कर रहे. ऐसे में सवाल उठता है कि अगर छात्रों की शिक्षा के साथ इसी तरह खिलवाड़ होती रही तो ना हम उनके उज्जवल भविष्य की कामना कर सकते हैं. बिना शिक्षा के ना तो किसी व्यक्ति का विकास होता है, ना ही किसी राज्या या देश का.
HIGHLIGHTS
Source : News State Bihar Jharkhand