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कांग्रेस से तेजस्वी यादव किसी तरह के समझौते के मूड में नहीं, 30 सीटों पर जानें पूरी रणनीति  

आरजेडी के 30 सीटों पर लड़ने और कांग्रेस को सात सीटें देने का फॉर्मूला है. इस फॉर्मूले को लेकर अब यह चर्चा शुरू हो चुकी है. 

आरजेडी के 30 सीटों पर लड़ने और कांग्रेस को सात सीटें देने का फॉर्मूला है. इस फॉर्मूले को लेकर अब यह चर्चा शुरू हो चुकी है. 

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Mohit Saxena
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Tejashwi Yadav

tejashwi yadav( Photo Credit : social media)

लोकसभा चुनाव से पहले बिहार की सीट शेयरिंग को लेकर चर्चा बनी हुई है. सत्ताधारी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन हो या विपक्षी इंडिया, दोनों ही गठबंधनों में सीट शेयरिंग का ऐलान अभी तक नहीं हुआ है. एनडीए में सीट शेयरिंग का जो फॉर्मूला सामने आया है, उसके तहत पशुपति पारस की पार्टी को एक सभी सीट नहीं देने की बात कही है. दूसरी ओर इंडिया गठबंधन में नी​तीश कुमार के जाने के बाद अब लालू यादव की पार्टी खुलकर सामने आ गई है. आरजेडी ने सूबे की 40 में से 30 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है. इंडिया गठबंधन में सीट की शेयरिंग को जो फॉर्मूला तय किया है. उसके तहत लालू यादव की पार्टी कांग्रेस को सात सीटों का आफर किया है.

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वहीं बाकी की तीन सीटें  लेफ्ट पार्टियों के लिए छोड़ने की बात कही गई है. कांग्रेस अपनी 11 सीटों पर दावेदारी कर रही है. बिहार कांग्रेस चुनाव समिति 16 मार्च को होने वाली बैठक में सबकी नजर है. मगर अब चर्चा ये है कि आरजेडी की 30 सीटों पर दावेदारी का  गणित तय किया गया है. 

75 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी

कांग्रेस को आरजेडी इस बार ज्यादा सीटें देने के मूड में नहीं दिखाई दे रही है. इसके पीछे 2020 के चुनाव के परिणाम बताए जा रहे हैं. 2020 के चुनाव में आरजेडी के सूबे की 243 में से 144 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे. इनमें से 75 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी लेकिन महागठबंधन की गाड़ी 110 सीटों तक पहुंच सकी थी. 

कांग्रेस ने तब 70 सीटों पर उम्मीदवार उतारे दिए ​थे. मगर अब पार्टी 19 सीटें ही जीत सकी थी. दूसरी ओर नीतीश कुमार की अगुवाई वाली जेडीयू 43 सीटें जीतकर तीसरे स्थान पर रही. इसके बावजूद एनडीए ने 125 सीटें जीतकर सरकार खड़ी कर ली थी. बिहार में बहुमत का जादुई आंकड़ा 122 सीटों तक का है. 

25 से कम सीटों पर लड़ने के मूड में नहीं है

2020 के बिहार चुनाव में महागठबंधन सत्ता में आते रह गया . आरजेडी, कांग्रेस को ही जिम्मेदार मानती है. आरजेडी नेताओं को अभी भी यह लगता है कि अगर कांग्रेस ने 70 सीटों की जिद नहीं पकड़ी होती. इनमें से आधी सीट पर आरजेडी उम्मीदवार उतरे. आरजेडी को अब 2024 चुनाव में तेजस्वी यादव का कद और बढ़ा है. आरजेडी इस बार कांग्रेस को नौ से अधिक सीटें देने, खुद 25 से कम सीटों पर लड़ने के मूड में नहीं है.

Source : News Nation Bureau

Tejashwi yadav INDIA Alliance Mahagathbandhan Seat Sharing Formula
      
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