बिहार के नवादा में 18 सितंबर को बीती रात दबंगों ने एक दलित बस्ती में आग लगा दी. इस घटना में सैकड़ों लोग बेघर हो गए. वहीं, मामले में मुख्य आरोपी समेत 15 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है. नवादा का मामला सियासी रंग ले चुका है. विपक्षी पार्टियां नीतीश सरकार पर सवाल खड़े कर रही है. इन सबके बीच बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने सात सदस्यीय टीम गठित की है. यह टीम घटनास्थल पर जाकर जांच करेगी और तीन दिन के अंदर तेजस्वी यादव को रिपोर्ट सौंपेगी. आज ही तेजस्वी की गठित की हुई टीम नवादा के लिए रवाना होगी और पीड़ित परिवार से मुलाकात करेगी.
नवादा अग्निकांड की जांच के लिए तेजस्वी ने गठित की टीम
आरजेडी से इससे जुड़ा एक पत्र जारी किया है, जिसमें तेजस्वी यादव ने दलित परिवार के साथ घटी इस घटना को निंदनीय बताते हुए टीम गठित करने की बात कही है. घटना के बारे में मिली जानकारी के अनुसार 80 से ज्यादा घर आग में जलकर राख हो गए. वहीं, पुलिस का कहना है कि इस आगजनी में 21 घर खाक हुए हैं.
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नीतीश कुमार ने ADG को दिया सख्त निर्देश
इस मामला जमीनी विवाद से जुड़ा हुआ है. बता दें कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी इस मामले पर सख्ती दिखाते हुए गुरुवार को ADG को सख्त निर्देश दिया है. सीएम ने एडीजी को घटनास्थल पर जाकर इसका निरीक्षण करने का आदेश दिया गया है. साथ ही एसपी व डीएम को भी सभी जेलों में तलाशी अभियान चलाने का निर्देश दिया गया है.
मांझी-तेजस्वी में जुबानी हमला
वहीं, केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने भी नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के आरोपों पर पलटवार करते हुए कहा कि बिहार में 70 फीसदी भूमि विवाद के पीछे लालू परिवार का और उनकी पार्टी का हाथ है. दरअसल, घटना के बाद तेजस्वी ने नीतीश सरकार के दौरान बिहार में महा जंगलराज की बात कही थी. इसके साथ ही डबल इंजन की सरकार पर कई गंभीर आरोप लगाते हुए कहा था कि बिहार से लेकर केंद्र तक इनकी सरकार है. उसके बाद भी इस तरह का काम हो रहा है. आरोपियों की पहचान कर, सख्त से सख्त कार्रवाई होनी चाहिए. वहीं, मांझी के बयान पर भी तेजस्वी ने कहा कि उन्हें बिना तथ्यों के बात नहीं करना चाहिए. बता दें कि मांझी ने नवादा अग्निकांड पर यादवों का हाथ बताया था.