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तेजस्वी यादव बोले- नीतीश कुमार कुर्सी छोड़ें, हम बताएंगे कैसे की जाती है मदद

तेजस्वी सोमवार को फेसबुक लाइव आए और बिहार में बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर सरकार को आड़े हाथों लिया. उन्होंने खुद को एक जिम्मेदार विपक्ष बताते हुए कहा कि राजद सरकार को पूरी तरह मदद देने को तैयार है.

Updated on: 17 May 2021, 01:00 PM

highlights

  • तेजस्वी ने नीतीश कुमार पर लगाए अकर्मण्यता के आरोप
  • सत्तापक्ष के नेता केवल राजनीति कर रहे हैं- तेजस्वी यादव
  • नीतीश कुमार को चिट्ठी लिखेंगे तेजस्वी यादव

नई दिल्ली:

बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने सोमवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) और उनकी सरकार पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने मुख्यमंत्री को चुनौती देते हुए कहा कि उनसे अगर बिहार नहीं संभल रहा है तो उनको कुर्सी छोड देना चाहिए. राजद (RJD) बताएगी कि कैसे इस कोरोना काल में लोगों को मदद पहुंचाई जाती है. तेजस्वी सोमवार को फेसबुक लाइव आए और बिहार में बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर सरकार को आड़े हाथों लिया. उन्होंने खुद को एक जिम्मेदार विपक्ष बताते हुए कहा कि राजद सरकार को पूरी तरह मदद देने को तैयार है.

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उन्होंने कहा कि सरकार राजद के लोगों को अस्पतालों की वास्तविकता, समीक्षा और जायजा लेने की अनुमति दे. उन्होंने नीतीश कुमार से कहा कि 'अगर सरकार नहीं संभल रही तो कुर्सी छोड़ दीजिए. हमें मौका दीजिये. हम दिखाएंगे की काम कैसे होता है.'

तेजस्वी ने सरकार को पूरी तरह असफल बताते हुए कहा कि अस्पताल में डॉक्टर नहीं है, दवा का अभाव है मरीजों को ऑक्सीजन नहीं मिल रहा है. उन्होंने कहा कि अगर आरजेडी, बेड-दवा और ऑक्सीजन सभी की व्यवस्था कर भी दे तो डॉक्टर और नर्स की बहाली करना तो सरकार का काम है. उन्होंने कहा कि कोरोना के दूसरी लहर की शुरूआत में सर्वदलीय बैठक में हमने 30 सुझाव रखे थे, लेकिन सरकार ने एक भी सुझाव नहीं माना. उन्होंने अपना दर्द बयां करते हुए कहा कि चार साल में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उनके एक भी पत्र का जवाब नहीं दिया.

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तेजस्वी यादव ने कहा कि ऐसे समय में नकारात्मक राजनीति नहीं होनी चाहिए, लेकिन सत्तापक्ष के नेता केवल राजनीति कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि 'सत्ताधारी दल के नेता मुझे याद कर रहे हैं, इसका मतलब यही है कि वो स्वीकार कर चुके हैं कि सरकार स्थिति को नियंत्रित करने में फेल है.' उन्होंने कहा कि 'हमें कहा जा रहा है कि बाहर आइए. हमें तो स्थिति की जानकारी है ही. दौरा वो करें जिन्हें सच्चाई पता नहीं है. मुझे तो पता है कि अस्पताल की बददहाल है, दवा नहीं है. जो आंखों पर पट्टी चढ़ा कर बैठे हैं, उन्हें हकीकत देखने के लिए अस्पतालों में जाना चाहिए.'

विपक्ष के नेता ने कहा कि 'मैं मुख्यमंत्री को चिट्ठी लिखूंगा. अगर मुख्यमंत्री को उनकी जरूरत है, तो वे मुझे काम करने की अनुमति दें. हमलोग जिम्मेदार विपक्ष के नाते सरकार की मदद के लिए हरसंभव काम करने को तैयार हैं.' उन्होंने एक बार फिर सरकार से स्वास्थ्य विभाग के खाली पडे पदों को भरने की मांग करते हुए कहा कि सरकार को वे विपक्ष के नाते यह बात बहुत दिनों से कहते आ रहे हैं.