Bihar Politics: 'मेरी खामोशी को मेरी कमजोरी न समझें', तेज प्रताप ने अपने नए पोस्ट से दिया एक और संकेत
Tej Pratap Yadav Statement: बिहार की राजनीति में अब नया भूचाल आया है. यहां आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की ओर से निष्कासित होने के बाद तेज प्रताप यादव ने एक पोस्ट के जरिए चेतावनी दे डाली है, जो कि चर्चा का विषय बन रहा है.
Tej Pratap Yadav Statement: बिहार की राजनीति में अब नया भूचाल आया है. यहां आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की ओर से निष्कासित होने के बाद तेज प्रताप यादव ने एक पोस्ट के जरिए चेतावनी दे डाली है, जो कि चर्चा का विषय बन रहा है.
Tej Pratap Yadav: बिहार की राजनीति में तेज प्रताप यादव का पोस्ट फिर से चर्चा में आ गया है. राष्ट्रीय जनता दल (RJD) से निष्कासन के बाद पहली बार तेज प्रताप यादव ने गुरुवार, 19 जून 2025 को एक तीखा बयान जारी किया है. उन्होंने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर एक पोस्ट कर अपने विरोधियों को चेतावनी दी है. यह पोस्ट न सिर्फ उनके भीतर चल रहे भावनात्मक उथल-पुथल को दर्शाता है, बल्कि राजनीतिक संकेतों से भी भरा हुआ है.
Advertisment
इसलिए पोस्ट से मची खलबली
तेज प्रताप यादव ने लिखा, 'मेरी खामोशी को मेरी कमजोरी समझने की भूल मत करना. मुझे तुम्हारी साजिशों का पूरा अंदाजा है. शुरुआत तुमने की है, अंत मैं करूंगा. झूठ और फरेब के इस चक्रव्यूह को तोड़ने जा रहा हूं. सच सामने आएगा. मेरी भूमिका अब जनता और माननीय सर्वोच्च न्यायालय तय करेगा, कोई दल या परिवार नहीं.'
Tej Pratap Yadav post Photograph: (social)
पार्टी से हो चुके हैं निष्कासित
तेज प्रताप की यह पोस्ट ऐसे समय पर आई है जब कुछ दिन पहले ही RJD सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने उन्हें पार्टी से छह साल के लिए निष्कासित कर दिया था. यही नहीं, उन्हें पारिवारिक रूप से भी अलग कर दिया गया था. तेज प्रताप का यह बयान साफ तौर पर उनके दर्द और गुस्से की अभिव्यक्ति है.
पोस्ट के जरिए दिया भावनात्मक संकेत
पोस्ट के साथ तेज प्रताप यादव ने एक तस्वीर भी साझा की है जिसमें वह सफेद कुर्ता पहने हुए, हरे रंग की टोपी लगाए, खड़े होकर अपने पिता लालू प्रसाद यादव की तस्वीर को देख रहे हैं. यह दृश्य भावनात्मक संकेत देता है कि तेज प्रताप अब भी अपने पिता से जुड़ी भावनाओं को दिल में संजोए हुए हैं.
पार्टी से बना चुके हैं दूरी
बता दें कि अनुष्का यादव प्रकरण के बाद से तेज प्रताप परिवार और पार्टी से दूरी बना चुके हैं. वे कई बार ‘जयचंद’ जैसे शब्दों का इस्तेमाल कर चुके हैं, जिससे संकेत मिलता है कि वे खुद को धोखा खाने वाला महसूस कर रहे हैं.