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तेज प्रताप यादव ने बिहार चुनाव को लेकर लालू प्रसाद से की मुलाकात

बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद के बड़े पुत्र तेज प्रताप यादव ने बृहस्पतिवार को रांची में अपने पिता से मुलाकात की और कहा कि रघुवंश प्रसाद सिंह उनके अभिभावक हैं और वह किसी से नाराज नहीं हैं.

Updated on: 28 Aug 2020, 12:04 AM

रांची:

बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद के बड़े पुत्र तेज प्रताप यादव ने बृहस्पतिवार को रांची में अपने पिता से मुलाकात की और कहा कि रघुवंश प्रसाद सिंह उनके अभिभावक हैं और वह किसी से नाराज नहीं हैं. लालू प्रसाद यादव चारा घोटाला मामले में चौदह वर्ष की कैद की सजा पाने के बाद न्यायिक हिरासत में यहां रिम्स में भर्ती हैं. लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे एवं बिहार के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री तेज प्रताप आज यहां रिम्स निदेशक के बंगले में यह मुलाकात की.

तेज प्रताप याद ने लगभग ढाई घंटे की मुलाकात के बाद बंगले से बाहर निकलते हुए कहा कि रघुवंश चाचा (रघुवंश प्रसाद सिंह) नाराज नहीं हैं. वह हमारे अभिभावक हैं. रघुवंश चाचा से लगातार बातचीत हो रही है. तेज प्रताप अपराह्न लगभग डेढ़ बजे लालू प्रसाद से मिलने पहुंचे. उनकी कोरोना वायरस संक्रमण के लिए रैपिड एंटीजेन जांच की गई जिसकी रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद उन्हें मिलने की अनुमति दी गई.

राजद के सूत्रों के अनुसार, लालू प्रसाद ने तेज प्रताव से स्पष्ट तौर पर कहा कि बिहार चुनाव के समय कोई भी बयान देने में वह सावधानी बरतें. ज्ञातव्य है कि लोजपा के टिकट पर वैशाली से 2014 का लोकसभा चुनाव जीतने वाले रामा किशोर सिंह को राजद में शामिल किए जाने की तैयारी को देखते हुए रघुवंश प्रसाद सिंह ने राजद के उपाध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था.

उल्लेखनीय है कि रामा किशोर सिंह ने 2014 में रघुवंश प्रसाद सिंह को ही वैशाली में पराजित किया था. इस बीच तेज प्रताप के साथ रिम्स पहुंचने पांच दर्जन गाड़ियों के काफिले से वहां जाम लग गया. इसके बाद आम लोगों ने राजद नेताओं का जमकर विरोध किया और रिम्स परिसर में आम लोगों और राजद नेताओं के बीच झड़प हो गई. बाद में पुलिस ने वहां पहुंच कर राजद नेताओं की सड़क के बीच में खड़ी गाड़ियों को हटवाया जिससे स्थिति सामान्य हुई.

भाजपा के प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने मुख्यमंत्री से इस मामले में हस्तक्षेप करके राजद नेताओं के खिलाफ कार्रवाई की मांग की और कहा कि तेज प्रताप और अन्य राजद नेताओं ने आपदा प्रबंधन अधिनियम के प्रावधानों का खुला उल्लंघन किया है, लिहाजा उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए.