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गया के इस सरकारी स्कूल की शिक्षिका कविता के माध्यम से पढ़ा रही हैं गणित

गया जिले के गुरारू प्रखंड के प्राथमिक विद्यालय तरौंची की एक शिक्षिका की पढ़ाने का तरीका देखकर आपका सरकारी स्कूलों के प्रति जो नजरिया है.

गया जिले के गुरारू प्रखंड के प्राथमिक विद्यालय तरौंची की एक शिक्षिका की पढ़ाने का तरीका देखकर आपका सरकारी स्कूलों के प्रति जो नजरिया है.

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Vineeta Kumari
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गया के सरकारी स्कूल की शिक्षिका कविता के माध्यम से पढ़ा रही हैं गणित( Photo Credit : News State Bihar Jharkhand)

गया जिले के गुरारू प्रखंड के प्राथमिक विद्यालय तरौंची की एक शिक्षिका की पढ़ाने का तरीका देखकर आपका सरकारी स्कूलों के प्रति जो नजरिया है, वह बदल जाएगा. इस विद्यालय के शिक्षिका गीत और कविता के माध्यम से ही गणित व अन्य विषयों को पढ़ा रही हैं. थोड़ी देर के लिए आप रुक जाएंगे कि आखिर यह शिक्षिका गीत के जरिए कौन सा विषय पढ़ा रही है. फिर गीत के सुनते ही आपको समझ में आएगा कि गणित विषय पढ़ा रही हैं. शिक्षिका का पढ़ाने का यह तरीका काफी सरल व आसान है, जिससे बच्चे आसानी से समझ जाते हैं. शिक्षिका बताती है कि बच्चों की पढ़ाई को लेकर सकारात्मक सोच होनी चाहिए. विषय की जानकारी के साथ-साथ पढ़ाने के तरीके में बदलाव से ही शिक्षा व्यवस्था में बदलाव ला सकते हैं. वह गीत व कविता के माध्यम से गणित इसलिए पढ़ाती है कि आसानी से बच्चों को गणित समझ में आ सके.

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वहीं जिला शिक्षा पदाधिकारी राजदेव राम ने बताया कि शिक्षा विभाग के द्वारा चहक मॉड्यूल कार्यक्रम का शुरुआत की गई है, जिसके अंतर्गत शिक्षकों को उपलब्ध कराए गए पुस्तकों का उपयोग कर रोचक गतिविधियों का प्रदर्शन कर छात्रों को पढ़ाने का कार्य किया जाना है. अगर इसके तहत कोई शिक्षिका कार्य कर रही है तो अच्छा है. चूंकि प्रारंभिक विद्यालयों में बच्चे छोटे-छोटे होते हैं, ऐसे में अगर शिक्षक या शिक्षिका के द्वारा गीत व कविता के माध्यम से अगर पढ़ाने का कार्य करते हैं तो बच्चो में पढ़ने के प्रति और अभ्यास करने में काफी आसानी होगी.

Source : News State Bihar Jharkhand

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