बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री व राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने जदयू को लेकर बड़ी बात कह दी. सुशील मोदी ने कहा कि जदयू ने 30 अक्टूबर को अपना 20वां और अंतिम स्थापना दिवस मना लिया, लेकिन अगला स्थापना दिवस मनाने से पहले पार्टी समाप्त हो जाएगी. पिछले 13 साल में जदयू की ताकत लगातार घटी है. 2010 में पार्टी के 115 विधायक थे. 2015 में उनकी सीटें घटकर 75 हो गई और 2020 में 44 पर आ गई. यदि प्रधानमंत्री मोदी ने जदयू के लिए भी वोट ना मांगे होते, तो उन्हें इतनी सीट भी नहीं मिलती. जदयू ने अपनी स्थापना के समय जिन ताकतों को अपना और बिहार के विकास का शत्रु माना था, उन्हीं ताकतों से दोस्ती कर पार्टी ने खुद अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मार ली.
- तेजस्वी को उत्तराधिकारी घोषित करने से पार्टी में हताशा
- 13 साल में सीटें 115 से घट कर 44 रह गईं
- नीतीश कुमार ने खोया लव-कुश, अतिपिछड़ा जनाधार
आगे सुशील मोदी ने कहा कि लालू प्रसाद से हाथ मिलाने और तेजस्वी यादव को अपना सियासी वारिस घोषित करने के बाद जदयू के अलग अस्तित्व का कोई औचित्य ही नहीं रहा. पार्टी के सांसदों-विधायकों को अपना भविष्य अंधकारमय दिख रहा है. जदयू का राजद में विलय होना एक स्वाभाविक परिणति होगी. नीतीश कुमार और उनकी पार्टी के पास कोई जनाधार नहीं बचा है. लव-कुश और अतिपिछड़ा वोट भाजपा की तरफ आ चुका है.
उन्होंने कहा कि विपक्षी गठबंधन नीतीश कुमार को नेता नहीं मान रहा. उनका पीएम बनना तो दूर, वे मुख्यमंत्री भी नहीं रह पाएंगे. भ्रष्टाचार-अपराध-तुष्टीकरण से समझौता और जनादेश से विश्वासघात कर कोई व्यक्ति बड़ी लकीर नहीं खींच सकता.
HIGHLIGHTS
- सुशील मोदी का बड़ा बयान
- जदयू नहीं मना पाएगी अगला स्थापना दिवस
- राजद में विलय तय
Source : News State Bihar Jharkhand