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बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री सुशील मोदी ने खाली किया सरकारी बंगला, अब रहेगा ये ठिकाना

बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और बीजेपी नेता सुशील मोदी ने पटना स्थित अपना सरकारी बंगला खाली कर दिया है. अब वो विधान पार्षदों के लिए बने आवासीय परिसर के आवास संख्या 52 में रहेंगे.

Updated on: 08 Dec 2020, 06:31 PM

पटना:

बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और बीजेपी नेता सुशील मोदी ने पटना स्थित अपना सरकारी बंगला खाली कर दिया है. अब वो विधान पार्षदों के लिए बने आवासीय परिसर के आवास संख्या 52 में रहेंगे. बता दें कि सुशील मोदी राज्यसभा के लिए चुने गए हैं. वहीं बता दें कि 5 देशरत्न मार्ग स्थित बंगला बिहार के उपमुख्‍यमंत्री को ही दिया जाता है.
नीतीश सरकार में इस बार दो लोग, तारकिशोर प्रसाद और रेणु देवी  को उपमुख्यमंत्री का पद दिया गया है. ऐसे में देखना होगा कि सुशील मोदी द्वारा खाली किए जाने के बाद ये सरकारी बंगला किसे दिया जाएगा.

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गौरतलब है कि बिहार केसुशील कुमार मोदी को केंद्रीय मंत्री एवं लोजपा संस्थापक रामविलास पासवान के निधन के कारण रिक्त हुई राज्यसभा सीट के उपचुनाव में नामांकन पत्र वापस लेने की अंतिम तिथि पर सोमवार को उच्च सदन के लिए निर्विरोध निर्वाचित घोषित कर दिया गया.

 राजग प्रत्याशी सुशील कुमार मोदी के निर्विरोध विजयी होने की घोषणा करने के बाद पटना के प्रमंडलीय आयुक्त संजय कुमार अग्रवाल ने उन्हें प्रमाणपत्र सौंपा. मुख्यमंत्री ने सुशील को राज्यसभा के लिए निर्विरोध चुने जाने पर बधाई एवं शुभकामनाएं दीं. इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद एवं रेणु देवी, बिहार भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल सहित बिहार सरकार के मंत्री, विधायक, विधान पार्षद एवं अन्य जनप्रतिनि मौजूद थे.

नवंबर 2005 के बाद से, जब वह पहली बार उपमुख्यमंत्री बने, सुशील विधान परिषद के सदस्य रहे. वह 2004 में जीती गई भागलपुर लोकसभा सीट को छोड़कर राज्य की राजनीति में लौट आए थे. सुशील ने 1970 के दशक में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता के रूप में काम करने के बाद दो दशक पूर्व समाप्त हो चुके पटना मध्य निर्वाचन क्षेत्र से विधायक के रूप में मुख्यधारा की राजनीति में अपना करियर शुरू किया था.

आपातकाल के पूर्व के समय में पटना विश्वविद्यालय छात्र संघ के प्रमुख नेताओं में रहे अपने पुराने साथी एवं राजद प्रमुख लालू प्रसाद के 2000 में बिहार का मुख्यमंत्री बनने के बाद सुशील उनके खिलाफ चारा घोटाला मामले को उठाने में काफी सक्रिय रहे थे. सुशील उन याचिकाकर्ताओं में से एक थे जिनकी जनहित याचिका पर पटना उच्च न्यायालय ने चारा घोटाले की सीबीआई जांच का आदेश दिया था. इस मामले में लालू वर्तमान में रांची में सजा काट रहे हैं.

इसके अतिरिक्त सुशील राजद प्रमुख और उनके परिवार के सदस्यों की बेनामी संपत्ति को भी उजागर करने को लेकर लगातार सक्रिय रहे. उनके लगातार हमलों ने नीतीश कुमार की राजग में वापसी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.

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हाल ही में, सुशील ने सोशल मीडिया पर लालू की उस कथित फोन कॉल को वायरल किया था जिसमें राजद प्रमुख रांची में न्यायिक हिरासत से बिहार के एक नवनिर्वाचित भाजपा विधायक को विधानसभा अध्यक्ष पद के चुनाव के दौरान कथित तौर पर अनुपस्थित होने और मंत्री पद का लालच देने की बात कहते सुनाई देते हैं.

सुशील के करीबी एवं राजग उम्मीदवार विजय कुमार सिन्हा बहुमत से बिहार विधानसभा के अध्यक्ष निर्वाचित हुए थे. केंद्र में राजग के घटक दल लोजपा के संस्थापक रामविलास पासवन के निधन के कारण राज्यसभा की सीट खाली हुई थी जिसपर आज सुशील कुमार मोदी निर्विरोध निर्वाचित घोषित किए गए. रामविलास अपने मंत्रिमंडल सहयोगी रविशंकर प्रसाद के पटना साहिब लोकसभा सीट जीतने के बाद पिछले साल रिक्त हुई राज्यसभा की संबंधित सीट के लिए हुए उपचुनाव में निर्विरोध चुने गए थे. 

 

(भाषा इनपुट के साथ)