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सुशील मोदी बोले, नौकरी जाने के गलत आंकड़े पेश कर देश का मनोबल तोड़ना चाहती है कांग्रेस

बिहार के उपमुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने कांग्रेस पार्टी पर नौकरी जाने के गलत आंकड़े और देश के मनोबल को तोड़ने का आरोप लगाया है.

Updated on: 26 Apr 2020, 02:28 PM

पटना:

बिहार के उपमुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने कांग्रेस पार्टी पर नौकरी जाने के गलत आंकड़े और देश के मनोबल को तोड़ने का आरोप लगाया है. सुशील मोदी ने ट्वीट कर कहा कि कांग्रेस नौकरी जाने के अतिरंजित आंकड़े पेशकर देश का मनोबल तोड़ना चाहती है, जबकि लॉकडाउन के दौरान आईटी और ई-कामर्स कंपनियों में लाखों नौकरियां पैदा हो रही हैं. उन्होंने कहा कि मजदूरों को अपने गांव के पास काम के अवसर मिल रहे हैं. मोदी ने कहा कि चार राज्यों में सिमटी कांग्रेस को गरीबों-युवाओं की नहीं, अपनी बेरोजगारी की चिंता सता रही है.

सुशील मोदी ने ट्वीट कर कहा, 'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने  समय पर लॉकडाउन लागू करने का फैसला किया, गरीबों को 1 लाख 70 हजार करोड़ का राहत पैकेज दिया और जनता के सभी वर्गों ने कठिनाइयों के बावजूद संक्रमण रोकने के दिशा-निर्देशों का पालन किया. दुनिया कोरोना को हराने में भारत के प्रयासों की सराहना कर रही है.'

कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष पर सीधा हमला बोलते हुए बिहार के उपमुख्यमंत्री ने आगे कहा, 'सोनिया गांधी को यह नहीं दिखता कि जिस महामारी से अमेरिका में 50 हजार और इटली में 25 हजार से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं, वहां 130 करोड़ लोगों के देश भारत में मृत्यु के आंकड़े अब भी 800 के नीचे हैं.'

इससे पहले शनिवार को सुशील मोदी ने बिना नाम लिए राष्ट्रीय जनता दल के नेता तेजस्वी यादव पर तंज कसा था. उन्होंने कहा था, 'जो लोग बाढ़, चमकी बुखार और जल जमाव की तरह कोरोना संक्रमण काल में भी बिहार से बाहर रह कर तमाशबीन बने हुए हैं, वे एकांतवास में फिट रहने के अपने अनुभव साझा कर लोगों को प्रेरित कर सकते थे, ऑनलाइन तरीके से कुछ लोगों की मदद कर सकते थे और समय बिताने के रचनात्मक तरीकों पर वीडियो शेयर कर उनका उत्साह बढ़ा सकते थे.'

उपमुख्यमंत्री ने आगे कहा था, 'जो खुद को राज्य का भविष्य बता रहे हैं, वो इस कठिन समय में निराशा, बेचैनी और अनिश्चय का माहौल बनाने की राजनीति क्यों कर रहे हैं? बिहार के लोग मानसिक रूप से इतने मजबूत हैं कि कठिन परिस्थिति में हौसला बनाए रखेंगे. बस लॉकडाउन की अवधि बीतने पर वे भी अपनों के बीच होंगे.'