मुजफ्फरपुर शेल्टर होम कांड : पीड़ित लड़कियां सदमे में, घरवाले अपनाने में असमर्थ

कुल 44 लड़कियों में से 28 के बारे में टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ सोशल स्टडीज ने अपनी विस्तृत रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को सौंपी थी.

कुल 44 लड़कियों में से 28 के बारे में टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ सोशल स्टडीज ने अपनी विस्तृत रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को सौंपी थी.

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yogesh bhadauriya
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मुजफ्फरपुर शेल्टर होम कांड : पीड़ित लड़कियां सदमे में, घरवाले अपनाने में असमर्थ

(प्रतीकात्मक तस्वीर)

सुप्रीम कोर्ट ने बिहार के मुजफ्फरपुर शेल्टरहोम कांड की पीड़ित लड़कियों में से 8 को उनके मातापिता को सौंपने के आदेश दिए हैं. कुल 44 लड़कियों में से 28 के बारे में टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ सोशल स्टडीज ने अपनी विस्तृत रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को सौंपी थी. रिपोर्ट के मुताबिक बाकी 20 लड़कियों में से कुछ तो ट्रॉमा यानी सदमे में हैं या फिर उनके घरवाले उनको अपनाने में असमर्थ या उदासीन हैं. वहीं 8 लड़कियों के बारे में टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ सोशल स्टडीज की रिपोर्ट पर कोर्ट ने सहमति की मुहर लगाई है. कोर्ट ने राज्य सरकार को पीड़ित लड़कियों को कानून के मुताबिक मुआवजा अदा करने को लेकर रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है. कोर्ट ने राज्य सरकार से स्टेटस रिपोर्ट भी तलब की है.

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बता दें कि 28 जुलाई को 2018 मुजफ्फरपुर बालिका आश्रय रेप कांड में 42 में से 34 बच्चियों से रेप की पुष्टि हुई थी. बाद में केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने सुप्रीम कोर्ट में सनसनीखेज खुलासा करते हुए कहा कि मुजफ्फरपुर आश्रय गृह यौन उत्पीड़न मामले के मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर और उसके सहयोगियों ने 11 लड़कियों की कथित रूप से हत्या की थी और एक श्मशान घाट से ‘‘हड्डियों की पोटली'' बरामद हुई है. बता दें कि मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड में करीब 34 लड़कियों के साथ रेप का मामला सामने आया था.

अपने हलफनामें में क्या कहा सीबीआई ने

सुप्रीम कोर्ट में दायर अपने हलफनामे में सीबीआई ने कहा कि जांच के दौरान दर्ज पीड़ितों के बयानों में 11 लड़कियों के नाम सामने आये हैं जिनकी ठाकुर और उनके सहयोगियों ने कथित रूप से हत्या की थी. एजेंसी ने कहा कि एक आरोपी की निशानदेही पर एक श्मशान घाट के एक खास स्थान की खुदाई की गई जहां से हड्डियों की पोटली बरामद हुई है. गौरतलब है कि बिहार के मुजफ्फरपुर में एक एनजीओ द्वारा संचालित आश्रय गृह में कई लड़कियों का कथित रूप से बलात्कार और यौन उत्पीड़न किया गया था और टाटा सामाजिक विज्ञान संस्थान की रिपोर्ट के बाद यह मुद्दा उछला था.

इस मामले की जांच सीबीआई को स्थानान्तरित की गई थी और एजेंसी ने ठाकुर सहित 21 लोगों के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया था. सीबीआई ने कहा, ‘‘जांच के दौरान, जांच अधिकारियों और राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य एवं न्यूरो विज्ञान संस्थान द्वारा दर्ज पीड़ितों के बयान में 11 लड़कियों के नाम सामने आए हैं जिनकी आरोपी ब्रजेश ठाकुर तथा उसके सहयोगियों ने कथित रूप से हत्या कर दी थी.'' सीबीआई ने एक आवेदन पर हलफनामा दायर करते हुए कहा, ‘‘गुड्डू पटेल नाम के एक आरोपी से पूछताछ के दौरान खुलासे वाले तथ्यों के आधार पर, आरोपी की निशानदेही पर श्मशान घाट में एक खास स्थान की खुदाई की गई और मौके से हड्डियों की एक पोटली बरामद हुई है.''

Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो

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