सुपौल के छात्र की राजस्थान के कोटा में मौत, पिता ने रखी CBI जांच की मांग
राजस्थान के कोटा में सुपौल के 17 वर्षीय छात्र अंकुश यादव की मौत की खबर सामने आई है. जिसके बाद से त्रिवेणीगंज थाना इलाके के बभनगामा पंचायत के लालपट्टी वार्ड 17 स्थित अंकुश के गांव में मातम पसरा है.
highlights
- बिहार के छात्र की राजस्थान में मौत
- अंकुश यादव के गांव में पसरा मातम
- बेटा सुसाइड कर ही नहीं सकता : अंकुश के पिता
Supaul:
राजस्थान के कोटा में सुपौल के 17 वर्षीय छात्र अंकुश यादव की मौत की खबर सामने आई है. जिसके बाद से त्रिवेणीगंज थाना इलाके के बभनगामा पंचायत के लालपट्टी वार्ड 17 स्थित अंकुश के गांव में मातम पसरा है. लोग छात्र अंकुश की मौत मामले में निष्पक्ष रूप से उच्च स्तरीय जांच की मांग कर रहे हैं. आपको बता दें कि सोमवार को राजस्थान के कोटा जिले के तलबंडी मोहल्ले में एक हॉस्टल से बंद कमरे में दो छात्रों का शव मिला था. जिसमें एक शव सुपौल के अंकुश का था. जबकि दूसरा शव गया जिले के छात्र का था.
सुपौल के अंकुश यादव के पिता संजीव कुमार बभनगामा पंचायत के पैक्स अध्यक्ष है. जबकि उसकी मां शिक्षिका है. जो त्रिवेणीगंज अनुमंडल के प्राइमरी स्कूल लाल बिहारी खुट कुमायही में पदस्थापित है. घर में अंकुश की मां को परिजनों ने घटना की भनक तक नहीं लगने दी है और उन्हें यह ज्ञात नहीं है कि उसका बेटा अब इस संसार में नहीं है. वह हर रोज की तरह आज भी अपने इकलौते बेटे का फोन और मैसेज का इंतजार कर रही है.
जबकि परिवार के अन्य सदस्य उससे छुपकर अपने आंसू रोक नहीं पा रहे हैं. इस पूरे मामले को लेकर अंकुश के पिता संजीव कुमार ने बताया कि अंकुश शुरू से ही पढ़ने में बहुत मेधावी था. उसकी प्रारंभिक शिक्षा अररिया जिला के बथनाहा स्थित एक निजी स्कूल में हुई थी. इसके बाद चौथी से सातवीं तक की पढ़ाई अंकुश ने विद्या बिहार पूर्णिया जिले में की थी. उसके बाद राजस्थान के कोटा में रह करकर वह आगे की पढ़ाई कर रहा था. अंकुश को दसवीं की परीक्षा में 90 प्रतिशत से ज्यादा अंक मिला था और आगे नीट की तैयारी में जुटा था.
मृतक के पिता का कहना है कि उसके पास रुपए-पैसे की भी कोई तंगी नहीं रही है, उसका बेटा सुसाइड कर ही नहीं सकता है. साजिश के तहत उसकी हत्या की गई है. इस घटना की सीबीआई जांच होनी चाहिए. ताकि अंकुश को न्याय मिल सके. परिजनों ने राजस्थान सरकार और प्रशासन से भी इस घटना के मद्देनज़र उच्च स्तरीय जांच की मांग की है, परिजनों का यह भी कहना है कि बिहार से अन्य अभिभावक भी अपने बच्चे को पढ़ने राजस्थान के कोटा भेजते हैं, ऐसे में छात्रों की सुरक्षा के प्रति गंभीरता जरूरी है.
रिपोर्ट : बिष्णु गुप्ता
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