मंत्री पद से हटने के बाद सुधाकर सिंह कैमूर के अधौरा प्रखंड मुख्यालय पहुंचे. जहां उन्होंने आदिवासियों और किसानों के साथ सम्मेलन किया. कुछ दिन पहले ही कैमूर जिले के चांद में एक किसान सम्मेलन के दौरान उन्होंने मंच से कहा था कि मेरे विभाग के अफसर चोर हैं और मैं चोरों का सरदार हूं. इसके बाद नीतीश सरकार और सुधाकर सिंह के बीच तल्खी बढ़ गई थी, जिसके बाद उन्होंने इस्तीफा दे दिया था. इसी को लेकर उन्होंने कहा कि सत्ता में बदलाव के लिए आए हैं. हालात को यथावत बरकरार रखने के लिए नहीं बैठा हूं. मुझे लगा कि मैं कुछ लोगों के लिए फिट नहीं बैठ रहा हूं तो इस्तीफा दे दिया. इस बीच दोबारा उन्होंने नीतीश सरकार को भ्रष्टाचार के मुद्दे पर आड़े हाथों लिया.
कृषि मंत्री ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि सत्ता में हम बदलाव के लिए आए हैं, हम सत्ता में यथास्थिति बरकरार रखने के लिए नहीं आए हैं. कम से कम मुझसे यह अपेक्षा लोगों को नहीं करनी चाहिए. जब लोगों को लगा कि हम इस व्यवस्था में फिट नहीं बैठ रहे हैं मैं उनको अलविदा करने में देर नहीं किया. हजारों लोग बैठे हैं. यहां वह लोग हैं जो इस राज्य को बनाने में उनके पूर्वजों का कुर्बानी है. बिरसा मुंडा के वंशज आज इन पहाड़ों में देश के निर्माण के लिए जो कुर्बानी दिया था उस समाज के लोगों को अपनी छोटी जरूरतों के लिए भी सत्ता के सामने हाथ जोड़ना पड़ रहा है, चिरौरी और विनती करना पड़ रहा है. उसके बाद भी हुक्मरान जो बैठे हैं जो सरकारी नौकरी में बैठे लोग हैं वह मालिक के भाव से इधर आते हैं बड़े कृपा करके आते हैं ज्यादातर बोर्डिंग लेकर तो आते ही नहीं हैं.
Source : News Nation Bureau