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नदी को पार कर आते-जाते हैं ग्रामीण.( Photo Credit : News State Bihar Jharakhand)
आजादी से अब तक सुपौल के बेहड़वा गांव में न तो सड़क बनी और न ही पुल का निर्माण हुआ. जिससे यहां के दो पंचायतों के लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. सुपौल के त्रिवेणीगंज प्रखंड के बेहड़वा गांव में पुल न होने से यहां की दो पंचायतें हरिहरपट्टी और गोनहा के ग्रामीणों को रोजाना परेशानियों से दोचार होना पड़ता है. यहां तक की इस गांव में अभीतक सड़क का निर्माण भी नहीं हुआ. कच्चे रास्तों से ही ग्रामीणों का आना जाना होता है. बारिश के मौसम में इन रास्तों पर चलना यहां के लोगों के लिए और भी मुश्किलों भरा हो जाता है. जिसका दर्द भी वे बंया करते रहते हैं.
दो पंचायतों के लोगों को हो रही परेशानी
दोनों पंचायत के ग्रामीण कई बार बेहेड़वा गांव में गेंडा नदी पर पुल और सड़क निर्माण की मांग को लेकर विरोध जता चुके हैं. बावजूद ग्रामीणों की समस्या का समाधान नहीं हो पा रहा. जबकि बिहार सरकार एक ओर गली नाली योजना, ग्राम सड़क योजना, सात निश्चय सहिय कई योजनाओं के तहत हर गांव-टोले और मोहल्लों को जोड़ने के लिए सड़क और पुल बनाने का दावा करती है, लेकिन अभी तक इसके जैसे कई इलाके हैं. जहां मूलभूत सुविधाएं अभी तक नहीं पहुंची.
सरकार से कई बार लगा चुके हैं गुहार
हालांकि त्रिवेणीगंज के एसडीएम का कहना है कि यहां की समस्या के समाधान के लिए कई बार ज्ञापन सौंपा गया. इस मामले में डीएम को पत्र भी प्रेषित किया गया है. डीएम ने संबंधित विभाग को निर्देशित भी किया है, जो जल्द ही निर्माण कार्य को पूरा करेंगे. बहरहाल, दोनों पंचायत के ग्रामीण अधिकारियों से लेकर नेताओं तक कई बार ज्ञापन दे चुके हैं, लेकिन अधिकारी और नेता दोनों मौन साधे हैं. लिहाजा ग्रामीणों की पीड़ा कम नहीं हो पा रही. केवल मिल रहा है तो अधिकारियों का आश्वासन.
रिपोर्ट : विष्णु गुप्ता
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HIGHLIGHTS
- ऐसा गांव...जहां न सड़क है न पुल!
- नदी को पार कर आते-जाते हैं ग्रामीण
- दो पंचायतों के लोगों को हो रही परेशानी
- सरकार से कई बार लगा चुके हैं गुहार
- ग्रामीणों की सुध लो सरकार...
Source : News State Bihar Jharkhand