बिहार के भागलपुर में गंगा नदी पर निर्माणाधीन पुलिया गिरने के बाद कैमूर जिले के कुदरा आरओबी पर पुलिया क्षतिग्रस्त हो गया है. ट्रक बस और भारी वाहनों का प्रवेश वर्जित है ऐसा लिखा एक बोर्ड लगा दिया गया. जिसके बाद लोगों के मन में ये सवाल उठने लगा हैं कि जब अंग्रेजों के जमाने के पुल आज भी सुरक्षित हैं तो महज 5 से 7 सालों के अंदर बने पुल - पुलिया कैसे क्षतिग्रस्त हो जा रहे हैं. अगर वाकई में पुलिया क्षतिग्रस्त है और भारी वाहनों का प्रवेश वर्जित है तो फिर प्रशासन भारी वाहनों को रोकने के लिए कहीं भी या दिखाई तो नहीं दिया कि किसके आदेशानुसार यह बोर्ड चिपकाया गया है.
लालापुर के बीच बनाया गया रेलवे ओवरब्रिज
बता दें कि, यह मार्ग nh2 से nh-30 को जोड़ने के लिए कुदरा और लालापुर के बीच रेलवे ओवरब्रिज बनाया गया है. जो रेलवे लाइन और nh2 को एक साथ पार कर रहा है. रेलवे लाइन के उत्तरी साइड में लालापुर है. जहां चावल की सैकड़ों मिले चलती है. अगर ट्रकों का परिचालन पर रोक लग गया तो मिलरों का चावल जो 1 किलोमीटर दूरी तय कर nh2 की सड़को पर चला जाता है. दूसरे रास्ते से एनएच 2 पर जाने के लिए 30 से 40 किलोमीटर की दूरी तय करना पड़ेगा.
पुल 6 से 7 साल पहले का है बना हुआ
कुदरा के ग्रामीण आनंद सिंह बताते हैं कि कुदरा लालापुर पर यह पुल 6 से 7 साल पहले बना हुआ है. इसका आज तक उद्घाटन भी नहीं हुआ है. एक ट्रेंड चल रहा है कि जहां भी पुल गिर रहा है वहां लिख दिया जा रहा कि पुल क्षतिग्रस्त है, बस और ट्रक का परिचालन वर्जित है और जब ऐसा है तो पुल फिर बनाया ही क्यों जाता है. इस पूल के उतरी साइड में जो लालापुर है वहां पर सबसे अधिक चावल का मिल है. सरकार का उससे टैक्स वसूल कर आमदनी होती है. अगर इस पूल से वह गाड़ियां नहीं जाएंगी तो फिर किस मार्ग को पकड़कर वह गाड़ियां जाएंगी, लेकिन ब्रिटिश जमाने के बने पुल आज भी सही है.
विभाग खानापूर्ति करके अपना झाड़ रही है पल्ला
वहीं, कैमूर जिला अध्यक्ष धर्मेंद्र कुमार सिंह उर्फ पिंटू सिंह ने बताया कि कुदरा के लालापुर के लिए nh2 और रेलवे लाइन के लिए जो फ्लाईओवर बनाया गया है. वहां एक बोर्ड लगाया गया है कि पुल छतिग्रस्त है इस पर बस ट्रक सहित भारी वाहन जाना प्रतिबंधित है, लेकिन इसके बावजूद भारी वाहन इस पूल से गुजर रहे हैं. विभाग खानापूर्ति करके अपना पल्ला झाड़ रही है या आम जनजीवन के साथ हादसे को रोकना चाहता हैं या नहीं यह समझ में नहीं आ रहा. हम चाहेंगे कि जिला प्रशासन इस पर ध्यान दें और इस पर संज्ञान लिया जाए.
रिपोर्ट - रंजन त्रिगुण
HIGHLIGHTS
- लालापुर के बीच बनाया गया रेलवे ओवरब्रिज
- अंग्रेजों के जमाने के पुल आज भी हैं सुरक्षित
- पुल 6 से 7 साल पहले का है बना हुआ
- विभाग खानापूर्ति करके अपना झाड़ रही है पल्ला
Source : News State Bihar Jharkhand