स्थायी पुल की दरकार.( Photo Credit : News State Bihar Jharakhand)
बिहार के राघोपुर का नाम सुनते ही इस क्षेत्र के VVIP वाले रुतबे का अक्स बरबस मन में आता है. लालू प्रसाद यादव, राबड़ी देवी से लेकर बिहार के वर्तमान डिप्टी CM तेजस्वी यादव का वो चुनावी क्षेत्र जो परम्परागत तौर पर लालू परिवार का गढ़ रहा है और जहां के लोगों ने लगातार बिहार को CM और डिप्टी CM दिया है. लिहाजा इस क्षेत्र को VVIP वाला तगमा मिलना लाज़मी है, लेकिन यहां के हालात इससे एक दम अलग है. राघोपुर के इस दियारा वाले इलाके के लोगों के अंतहीन दर्द को सुनने वाला कोई नहीं है. सालों से एक अदद पुल की आस में इलाके के लोग रोज अपनी जान जोखिम में डाल जीते हैं और इलाके में आने जाने के लिए खतरनाक नाव और अधूरे पुल को पार करने का स्टंट करते नजर आते हैं.
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चारों तरफ से गंगा नदी से घिरा
दरअसल राघोपुर चारों तरफ से गंगा नदी से घिरा दियारा वाला इलाका है. बावजूद यहां के लोग एक पुल के लिए तरसते हैं. पुल ना होने की वजह से लोगों को राघोपुर में आवाजाही के लिए नाव का सहारा लेना पड़ता है. हालांकि दिसंबर से लेकर मई तक के महीने में जब नदी का जलस्तर घटता है तब कुछ महीनों के लिए नदी पर पीपा पुल का निर्माण करा दिया जाता है. जिससे इलाके के लोगों को थोड़े समय के लिए ही सही राहत जरूर मिलती है, लेकिन सिस्टम को ये थोड़ी राहत वाला इंतजाम भी शायद रास नहीं आ रहा. क्योंकि अब पीपा पुल निर्माण में भी आनाकानी की जा रही है. दियारा पहुंचने के लिए दिसंबर महीने में बनाए जाने वाला पीपा पुल आधी जनवरी पार करने के बाद भी अधूरा है और सिस्टम के ढुलमुल रवैये का दंश राघोपुर की जनता झेल रही है.
जान हथेली पर
तस्वीर में आप देख सकते हैं कि किस तरह लोग जान को हथेली पर रखकर पुल पार करते हैं तो वहीं, कुछ नदी को पैदल ही नापते नजर आते हैं. कहीं सर पर गठरी लादे पैदल मार्च, तो कहीं रेत पर बाइक भगाने की जद्दोजहद में गिरते पड़ते नजर आते हैं. अब आलम ये है कि राघोपुर में शादी करने वाले लोग अपने ससुराल जाने से भी परहेज़ करते हैं.
तेजस्वी यादव का विधानसभा क्षेत्र
यानी बिहार का एक और इलाका शासन-प्रशासन के खोखले दावों और वादों के भंवरजाल में उलझा है. यहां हैरत की बात ये कि राघोपुर बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव का विधानसभा क्षेत्र है. चुनावी मौसम में हॉट सीटों में एक और सोने पे सुहागा ये कि PWD विभाग भी डिप्टी सीएम के ही जिम्मे है. बावजूद उनके विधानसभा क्षेत्र के लोग एक पुल के इंतजार में बैठे हैं. सवाल उठता है कि अगर डिप्टी सीएम के क्षेत्र में ही विकास नहीं होगा तो दूसरे इलाकों में तो उम्मीद करना भी बेइमानी लगती है.