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बिहारः गांवों के स्वास्थ्य केंद्रों में भरा है भूसा, कैसे होगा कोरोना का इलाज

ग्रामीण क्षेत्रों में संक्रमण के खतरे को देखते हुए केंद्र सरकार ने नई गाइडलाइन (New SOP For Rural Areas) भी जारी की है. लेकिन राज्य सरकारें सुधरने का नाम नहीं ले रही हैं. बिहार के गांवों में स्वास्थ्य व्यवस्था की हालात काफी खराब है.

Updated on: 18 May 2021, 11:06 AM

highlights

  • ग्रामीण इलाकों में संक्रमण फैलने का खतरा ज्यादा
  • यूपी-बिहार के गांवों में स्वास्थ्य केंद्र खुद बीमार हैं

नई दिल्ली:

कोरोना (Coronavirus) की दूसरी लहर से देश में कोहराम मचा हुआ है. एक दिन में मिलने वाले नए संक्रमितों की संख्या में थोड़ी कमी जरूर देखने को मिली है, लेकिन चिंता की बात ये है कि कोरोना अब गांवों (COVID-19 in Rural Areas) में पैर पसार चुका है. शहरी इलाकों में इस महामारी ने लाशों का अंबार लगा दिया अब ये खतरनाक वायरस ग्रामीण क्षेत्रों में तबाही मचाने को अमादा है. ग्रामीण क्षेत्रों में संक्रमण के खतरे को देखते हुए केंद्र सरकार ने नई गाइडलाइन (New SOP For Rural Areas) भी जारी की है. लेकिन राज्य सरकारें सुधरने का नाम नहीं ले रही हैं. बिहार के गांवों में स्वास्थ्य व्यवस्था की हालात काफी खराब है. आलम ये है कि मरीजों के इलाज के करोड़ों रुपये खर्च करके बने स्वास्थ्य केंद्रों में भूसा भरा हुआ है. 

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सहरसा के बाद नालंदा की बारी

अभी हाल ही में सहरसा के बनगांव में बने उप स्वास्थ्य केंद्र में भूसा भरा हुआ मिला था. अब नालंदा के अस्पताल से भी लापरवाही का मामला सामने आया है. पिछले साल कोरोना को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग के द्वारा सूबे के सभी स्वास्थ्य उपकेंद्र को ठीक कर ग्रामीण स्तर पर बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध करने का निर्देश दिया गया था. बावजूद इसके नालन्दा जिले में कई ऐसे स्वास्थ्य उपकेंद्र हैं जिनकी हालत काफी खराब है. कहीं स्वास्थ्य केंद्रों की छत गिर चुकी है तो कहीं उनमें जानवरों को खिलाने के लिए ग्रामीणों ने भूसा भर दिया है.

स्वास्थ्य केंद्र में ग्रामीणों ने भूसा भर दिया

बिहारशरीफ जिला मुख्यालय से महज 5 किलोमीटर दूर कोरई पंचायत स्थित महानंदपूर का स्वास्थ्य उपकेंद्र का नजारा भी कुछ ऐसा है. इस स्वास्थ्य केंद्र में न तो दरवाजा है न ही खिड़की. इसके अलावे गंदगी का अंबार तो एक कमरे में पुआल व भूसे का ढेर रखा हुआ है. ग्रामीणों ने मीडिया को बताया कि यहां न तो डॉक्टर आते हैं न ही कोई स्वास्थ्य कर्मी जिसके कारण इस पंचायत क्षेत्र की करीब 5 हजार की आबादी को इलाज के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है. 

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यूपी के गांवों में भी स्वास्थ्य केंद्रों का बुरा हाल 

बिहार के गांवों में ही स्वास्थ्य सुविधाओं का टोटा नहीं है, इसमें उत्तर प्रदेश भी पीछे नहीं है. अभी हाल ही में यूपी के फिरोजाबाद में स्थित कुछ स्वास्थ्य केंद्रों की तस्वीरें भी सामने आई थीं. यूपी में भी प्रशासन की लापरवाही से बड़ी संख्या में ग्रामीण क्षेत्रों में बने स्वास्थ्य केंद्रों का हाल बेहाल हो चुका है. सूबे में ग्रामीण क्षेत्रों में बने ज्यादातर स्वास्थ्य केंद्र खुद बीमार नजर आ रहे हैं. ऐसे में यदि कोरोना संक्रमण गांवों में ज्यादा कहर बरपाने लगा तो इसे संभालना बड़ा मुश्किल हो जाएगा.