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बिहार में फर्जी पत्र दिखा बेचा स्टीम इंजन, इंजीनियर समेत सात लोगे बने आरोपी 

शेड के एंट्री रजिस्टर में एक पिकअप वैन की एंट्री करा दी, सिपाही की शिकायत पर हुआ बड़ा खुलासा.

Updated on: 20 Dec 2021, 12:58 PM

highlights

  • सिपाही संगीता कुमारी की रिपोर्ट के बाद मामला सामने आया
  • इंजीनियर की गिरफ्तारी को लेकर पुलिस टीम लगातार छापेमारी मार रही है

नई दिल्ली:

बिहार के समस्तीपुर (Samastipur) में रेलवे (Indian Railway) से जुड़ा  एक चौका देने वाला मामला सामने आया है. यहां एक इंजीनियर ने डिवीजन मैकेनिकल इंजीनियर (DME) का फर्जी आदेश दिखाकर एक इंजन ही बेच डाला. यह इंजन पुराने जमाने का स्टीम इंजन था और पूर्णिया कोर्ट स्टेशन (Purnea Court Station) के  पास छोटी लाइन पर कई वर्षों से खड़ा था. ऐसा बताया जा रह है कि मामले को छिपाने के लिए डीजल शेड पोस्ट के एक दारोगा की सहायता से शेड के एंट्री रजिस्टर में एक पिकअप वैन की एंट्री करा दी. हालांकि सिपाही संगीता कुमारी की रिपोर्ट के बाद मामला सामने आया.

RPF दारोगा एमएम रहमान के अनुसार मंडल के बनमनकी पोस्ट पर FIR दर्ज कराई थी. इसमें इंजीनियर राजीव रंजन झा, हेल्पर सुशील यादव सहित सात लोग आरोपी बनाए गए हैं. वहीं DRM अशोक अग्रवाल का कहना है कि इंजीनियर और हेल्पर के साथ डीजल शेड पोस्ट पर तैनात दारोगा को सस्पेंड किया गया. एफआईआर दर्ज होने के बाद फरार चल रहे इंजीनियर की गिरफ्तारी को लेकर पुलिस टीम लगातार छापेमारी मार रही है.

क्या है पूरा मामला?

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार 14 दिसंबर 2021 को समस्तीपुर डीजल शेड के इंजीनियर राजीव रंजन झा, हेल्पर सुनील यादव के साथ गैसकटर की मदद से स्टीम इंजन को कटवा दिया गया. इस पर RPF अधिकारी रहमान ने रोका तो उन्होंने वह फर्जी पत्र दिखाया गया. लिखित मेमो में दिया कि इंजन का कबाड़, डीजल शेड में वापस ले जाना है. अगले ही दिन सिपाही संगीता ने स्कैप लोड पिकअप की एंट्री तो देखी लेकिन स्क्रैप नहीं था. इसकी जानकारी उसने अधिकारियों को दी.

रिपोर्ट में RPF ने मामले की पूछताछ की, इसमें सामने आया कि ऐसा किसी तरह का आदेश जारी नहीं किया गया था. मंडल सुरक्षा आयुक्त एके लाल ने डीजल शेड से जारी पत्र की जांच की तो पता चला कि शेड ने ऐसी कोई भी चिट्ठी जारी नहीं की है. दो दिनों तक स्क्रैप लोड की कोई जानकारी न मिलने पर FIR दर्ज कराई गई.