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बिहार में सोमवती अमावस्या का धूम, पति की लंबी उम्र के लिए महिलाएं कर रही पूजा

बिहार के लखीसराय में आज सोमवती अमावस्या धूमधाम से मनाया गया. जिले भर के विभिन्न मंदिरों और अन्य स्थानों पर विवाहित महिलाओं द्वारा पीपल के पेड़ की पूजा की जा रही है.

Updated on: 20 Feb 2023, 12:06 PM

highlights

  • क्या है सोमवती अमावस्या का महत्व
  • सोमवती अमावस्या पर कैसे करें अपने पितरों को प्रसन्न
  • सोमवती अमावस्या पर भगवान शिव की पूजा का है विशेष महत्व

Patna:

बिहार के लखीसराय में आज सोमवती अमावस्या धूमधाम से मनाया गया. जिले भर के विभिन्न मंदिरों और अन्य स्थानों पर विवाहित महिलाओं द्वारा पीपल के पेड़ की पूजा की जा रही है. इस दिन विवाहित महिलाएं पीपल के पेड़ के पास पहुंचकर उसकी पूजा करती हैं और उसमें 108 फेरे लगाती हैं और अपने सुहाग की रक्षा को लेकर वृक्ष से प्रार्थना करती है. साथ ही सोमवती अमावस्या के दिन ही वे लोग वृक्ष के नीचे ही विद्वान पंडितों से कथा सुनती हैं और उसका अनुसरण करने का प्रयास करती है. साथ ही बता दें कि सोमवती अमावस्या के दिन महिलाएं सभी श्रृंगार करती हैं जैसे चूड़ी, लहटी, वस्त्र, सिंदूर, लहटी की सखियां, सात श्रंगार के अलावा पेड़ की पूजा करने के बाद पुजारी को फल और फूल दान करती हैं. इस दौरान पंडित जय शंकर पांडे ने बताया कि सुहागिन महिलाएं इस व्रत को अपने सुहाग की रक्षा के लिए करती हैं. सोमवती अमावस्या सभी सुहागिन महिलाओं को करनी चाहिए. इससे सुहाग की रक्षा होती है और आपदा विपदा से बचते हैं.

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जानें सोमवती अमावस्या का महत्व 
साल की पहली अमावस्या 20 फरवरी 2023 को आज यानी पूरे देश में मनाई जा रही है, इसी के साथ फाल्गुन अमावस्या तिथि है. साथ ही यह अमावस्या सोमवार के दिन पड़ती है, इसलिए इस अमावस्या को सोमवती अमावस्या भी कहा जाता है. इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने, पूजा पाठ और दान करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है. हिन्दू पंचांग के अनुसार माघ मास की शुरुआत आज से हो रही है और मंगलवार को फाल्गुन मास की सोमवती अमावस्या के बाद शुरू होगी. आपको बता दें कि सोमवती अमावस्या के दिन विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र कामना के लिए व्रत रखती हैं और पूरी श्रद्धा से पीपल के पेड़ की पूजा करती हैं और उन्हें दूध, जल, फूल और अक्षत अर्पित करती हैं और कच्चे सूत से पेड़ की 108 बार परिक्रमा करती हैं. इस पूजा को लेकर मान्यता है कि सोमवती अमावस्या पर भगवान भोलेनाथ और माता पार्वती की पूजा करने से अनंत सौभाग्य की प्राप्ति होती है. सोमवती अमावस्या के दिन दान देने और करने का विशेष महत्व माना जाता है.

अपने पितरों के लिए करें तर्पण 
सोमवती अमावस्या के दिन अपने पितरों के लिए तर्पण करना चाहिए. इसे आपके पितृजनों को विशेष रूप से आशीर्वाद प्राप्त होता है. इस दिन अपने पितरों का ध्यान करते हुए पीपल के पेड़ पर गंगाजल, काले तिल, चीनी, चावल, जल और पुष्प अर्पित करना चाहिए. साथ ही ''ॐ पितृभ्य: नम:'' मंत्र का जाप करें. इस मंत्र और विधि से आपके पितरों का आप पर  आशीर्वाद बना रहेगा.

शिवजी पर अभिषेक का है विशेष महत्व
आपको बता दें कि सोमवती अमावस्या सोमवार के दिन पड़ती है और हम जानते हैं कि सोमवार का दिन भगवान शिव का दिन माना जाता है, इसलिए इस दिन शिव जी की पूजा जरूर करें. ऐसा करने से भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त होती है. शिवलिंग पर कच्चे दूध और दही से भोलेनाथ का अभिषेक करें और काले तिल अर्पित करें. साथ ही आज के दिन भगवान शिव का रुद्राभिषेक जरूर करनी चाहिए, इससे आपके सारे अधूरे कार्य पूरे होंगे.