logo-image

शहाबुद्दीन को सलाखों के पीछे डालने वाले एसके सिंघल बने बिहार के नए DGP

एसके सिंघल साल 1988 बैच के सीनियर आईपीएस ऑफीसर हैं जो कि मौजूदा समय बिहार के होमगार्ड निदेशक और फायर सर्विसेज के डीजी-कम-कमांडेंट हैं. आपको बता दें कि बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Election 2020) से पहले डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय (Gupteshwar Pandey) ने वीआरएस ले लिया था.

Updated on: 20 Dec 2020, 06:30 AM

नई दिल्ली:

बिहार में होम गार्ड्स एंड फायर सर्विसेज (Fire Services) के डीजी-कम-कमांडेंट (DG cum Commandent) एस के सिंघल (SK Singhal) को बिहार के नए पुलिस महानिदेशक (DGP) की जिम्मेदारी दी गई है. आपको बता दें कि एसके सिंघल साल 1988 बैच के सीनियर आईपीएस ऑफीसर हैं जो कि मौजूदा समय बिहार के होमगार्ड निदेशक और फायर सर्विसेज के डीजी-कम-कमांडेंट हैं. आपको बता दें कि बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Election 2020) से पहले डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय (Gupteshwar Pandey) ने वीआरएस ले लिया था. जिसके बाद आईपीएस अधिकारी एस के सिंघल को बिहार के डीजीपी का अतिरिक्त प्रभार दिया गया था.

आपको बता दें कि एस के सिंघल साल 1996 में तब सुर्खियों में आए थे जब उन पर सीवान के बाहुबली नेता शहाबुद्दीन ने हमला किया था. उस समय सिंघल सिवान में पुलिस अधीक्षक (SP) के तौर पर तैनात थे.  इस मामले में साल 2007 में एक विशेष अदालत ने बाहुबली नेता शहाबुद्दीन को तत्कालीन पुलिस अधीक्षक एसके सिंघल पर हमले के आरोप में 10 साल की सजा सुनाई थी.

यहां पर एसके सिंघल की नियुक्ति को इसलिए भी अहम माना जा रहा था क्योंकि अभी हाल में ही शहाबुद्दीन को बिहार सरकार की पहल पर सीवान से दिल्ली की तिहाड़ जेल में शिफ्ट कर दिया गया था. साल 1996 में जब सिंघल बतौर सिवान एसपी के तौर पर कार्यरत थे तब बाहुबली सांसद ने सिंघल पर हमला करवाया था जिसके बाद सिंघल ने शहाबुद्दीन के खिलाफ सीवान के दरौली पुलिस स्टेशन में लिखित शिकायत दर्ज कराई थी. उनकी इसी सक्रियता और कार्रवाई के चलते आखिरकार शहाबुद्दीन को अदालत ने दोषी माना और उसे सजा दिलवाने में सफलता मिली.