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Bihar 10th result: जानिए कौन सा है वो स्कूल जिसने Top 10 में दिए 16 बच्चे, ये है खासियत

बिहार बोर्ड ने 10 वीं के नतीजे घोषित कर दिए हैं जिसमें जमुई की रहने वाली प्रेरण ने टॉप किया है वहीं दूसरे और तीसरे स्थानों पर भी राज्यों की बेटियों ने ही सफलता पाई है।

Updated on: 26 Jun 2018, 09:29 PM

पटना:

बिहार बोर्ड ने 10 वीं के नतीजे घोषित कर दिए हैं जिसमें जमुई की रहने वाली प्रेरणा ने टॉप किया है वहीं दूसरे और तीसरे स्थानों पर भी राज्यों की बेटियों ने ही सफलता पाई है।

इस बार बिहार बोर्ड के 10 वीं के रिजल्ट को लेकर सबसे खासबात यह है कि टॉप 10 में आने वाले 23 छात्र-छात्राओं में 16 छात्र सिमुलतला आवासीय विद्यालय के ही हैं।

बोर्ड चेयरमैन आनंद किशोर के मुताबिक इस साल सिमुलतला आवासीय विद्यालय की छात्रा प्रेरणा ने 457 अंक (91.4 प्रतिशत) लाकर राज्य में पहला स्थान हासिल किया है, जबकि इसी स्कूल की प्रज्ञा और शिखा कुमारी ने 454 अंक लाकर राज्यभर में दूसरा स्थान प्राप्त किया है।

सिमुलतला आवासीय विद्यालय की ही छात्रा अनुप्रिया ने 452 अंक लाकर राज्यभर में तीसरा स्थान प्राप्त किया है।

सिमुलतला स्कूल की खासियत जहां से टॉप टेन में 16 बच्चों ने बनाई जगह

बिहार के जमुई जिले में सिमुलतला स्कूल है और इसे लोग मिनी शिमला भी कहते हैं क्योंकि यह स्कूल घने जंगलों और पहाड़ियों के बीच बना हुआ है। इसकी स्थापना सरकार 2010 में हुई थी।

इंट्रेस के जरिए इस स्कूल में मिलती है इंट्री

सिमुलतला स्कूल में बच्चों का एडमिशन लिखित परीक्षा के आधार पर होता है। इस स्कूल में बच्चों का एडमिशन छठी कक्षा में होता है।

बेहद सख्त दिनचर्या से गुजरते हैं छात्र

सिमुलतला में पढ़ने वाले बच्चों की दिनचर्या भी आम स्कूल के मुकाबले अलग होती है। यहां बच्चों को सुबह 4.30 बजे ही उठना होता है और सुबह के आठ बजे से दो बजे तक स्कूल में पढ़ाई करनी होती है। उसके बाद फिर शाम 6.30 से रात 9.30 तक बच्चों को सेल्फ स्टडी करनी होती है। इस स्कूल की खासबात यह है कि यहां पढ़ने वाले बच्चों को पढ़ाई में कोई भी समस्या को सुलझाने के लिए 24 घंटे शिक्षक मौजूद रहते हैं।

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अंग्रेजी मीडियम में होती है पढ़ाई

बिहार के तमाम सरकारी स्कूलों में जहां हिंदी मीडियम में पढ़ाई होती है वहीं सिमुलता में बच्चों को इंग्लिश मीडियम में पढ़ाया जाता है। इस स्कूल के बच्चों को बिहार टेक्स्ट बुक के साथ ही एनसीईआरटी की किताबें भी पढ़ाई जाती है।

इस स्कूल के छात्र करीब-करीब हर साल मैट्रिक की परीक्षा में ज्यादा से ज्यादा अंकों के साथ सफल होते हैं।

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