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बिहार में बनेगा सिलीगुड़ी-गोरखपुर एक्सप्रेस वे, जानें किन जिलों को जोड़ेगी ये खूबसूरत सड़क

देश के तीन बड़े राज्यों को आपस में जोड़ने के लिए केंद्र सरकार एक महत्वकांक्षी प्रोजेक्ट लेकर आ रही है, जिसका सीधा फायदा बिहार, यूपी और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों को मिलेगा.

Updated on: 30 Jul 2022, 05:50 PM

Patna:

देश के तीन बड़े राज्यों को आपस में जोड़ने के लिए केंद्र सरकार एक महत्वकांक्षी प्रोजेक्ट लेकर आ रही है, जिसका सीधा फायदा बिहार, यूपी और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों को मिलेगा. इस प्रोजेक्ट में सिलीगुड़ी-गोरखपुर के बीच ग्रीनफील्ड सिलीगुड़ी गोरखपुर एक्सप्रेस-वे का निर्माण किया जायेगा. जिसकी पूरी लंबाई करीब 519 किलोमीटर है. इसमें छह और आठ लेन होंगे और एक्सप्रेस-वे का संपूर्ण हिस्सा ग्रीनफील्ड होगा. बिहार के कई जिलों से होते हुए सिलीगुड़ी-गोरखपुर एक्सप्रेस-वे गुजरेगा. इसमें गोपालगंज, पूर्वी चंपारण, पश्चिम चंपारण, शिवहर, सीतामढ़ी, मधुबनी, सुपौल, अररिया और किशनगंज जिला शामिल है. इसके अलावा सहरसा और मधेपुरा जिलों को जोड़ा जा सकता है.  

नई प्रोजक्ट के अनुसार उत्तर प्रदेश में एक्सप्रेसवे का हिस्सा करीब 84 किलोमीटर तक रहेगा. ये गोरखपुर जिले से शुरु होते हुए देवरिया, कुशीनगर को जोड़ते हुए बिहार में प्रवेश करेगा. इस एक्सप्रेस-वे की महत्वपूर्ण भूमिका ये है कि ये घनी आबादी से होते हुए नहीं गुजरेगी यानि अधिकांश हिस्सा सीधे गुजरेगी, जिससे इससे लंबाई कम हो जाएगी. आपको जानकारी के लिए बता दें कि सिलीगुड़ी से गोरखपुर के बीच नेशनल हाइवे की दूरी करीब 637 किलोमीटर है, जो कई जिलों की आबादी के बीच से गुजरता है.

एक्सप्रेस वे निर्माण की स्वीकृति को लेकर NHAI पूर्णिया के परियोजना निदेशक अरविंद कुमार ने कहा कि जल्द ही भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू होगी. हमें इस परियोजना के निर्माण की स्वीकृति मिल चुकी है. डीपीआर बना रही भोपाल की एजेंसी को ड्रोन सर्वे के लिए आदेश दिया जा चुका है. नई एक्सप्रेस-वे की कुल लंबाई 519 किलोमीटर है.

जानकारी के अनुसार एक्सप्रेस-वे की कुल चौड़ाई करीब 70 मीटर है. इसके लिए बिहार में 2 हजार 731 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया जाएगा. इस पर 25,162 करोड़ खर्च होने का अंदेशा है. 25 किमी पूर्वी चंपारण, 73 किमी पश्चिम चंपारण में , शिवहर में 16 किमी, सीतामढ़ी में 42 किमी, मुधबनी में 95 किमी, सुपैल में 32 किमी, अररिया में 49 किमी और किशनगंज से 63 किमी अधिग्रहण का अनुमान है.