भ्रष्टाचार को खत्म करने, सड़क सुरक्षा में सुधार लाने और यातायात को नियंत्रित करने के उद्देश्य से देश में नए मोटर वाहन (संशोधन) अधिनियम 2019 को लागू किए 2 महीने से अधिक का समय हो गया है. पिछले दिनों नए यातायात कानून को लेकर देशभर में कोहराम मचा. इसलिए नहीं कि कानून खराब है, बल्कि इसलिए कि इस नए कानून में जुर्माने की रकम भारी-भरकम है. इसके बाद भी यातायात नियमों की धज्जियां उड़ाने वाले बाज नहीं आ रहे हैं. यहां तक की पुलिसवाले भी खुद यातायात नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं, हालांकि उन पर सख्त कार्रवाई की जा रही है. ऐसा ही एक ताजा मामला बिहार की राजधानी पटना से सामने आया है, जहां खुद एसएचओ साहब यातायात नियमों की धज्जियां उड़ाते दिखे.
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राजधानी पटना के श्रीकृष्ण पुरी (एसके पुरी) पुलिस स्टेशन के हाउस ऑफिसर (एसएचओ) नीरज कुमार सिंह को सड़क पर यातायात कानून की धज्जियां उड़ाना महंगा पड़ गया. एसएचओ नीरज कुमार गुरुवार को बिना सील्ट बेल्ट बांधे अपनी गाड़ी से जा रहे थे. रास्ते में ट्रैफिक पुलिस ने उन्हें रोक लिया और सीट बेल्ट न पहनने के लिए जुर्माना लगा दिया.
गौरतलब है कि ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने पर वाहन चालकों से कई गुना ज्यादा जुर्माना वसूल करने का प्रावधान है. नए यातायात कानून के मुताबिक, गलत और खतरनाक तरीके से वाहन चलाने पर पहली बार 6 महीने से एक साल तक जेल या एक हजार से 5 हजार रुपये का जुर्माना या दोनों की सजा सुनाई जाएगी. दूसरी बार में दोषी को 10 हजार रुपये तक का जुर्माना देना होगा. शराब पीकर गाड़ी चलाने पर पहली बार 6 महीने जेल या 10 हजार रुपये का जुर्माना या दोनों की सजा सुनाई जाएगी. वहीं दूसरी बार में दोषी को 2 साल तक की जेल या 15 हजार रुपये का जुर्माना या दोनों सुनाई जाएगीं.
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बिना लाइसेंस गाड़ी चलाने पर 5 हजार रुपये का जुर्माना देना होता है, जो पहले 500 रुपये था. योग्य ना होने के बावजूद वाहन चलाने पर पहले 500 रुपये था, जिसे बढ़ाकर अब 10 हजार रुपये कर दिया गया है. निर्धारित सीमा से अधिक गति से गाड़ी चलाने पर एक हजार रुपये का जुर्माना लगाया जाता है. हल्के मोटर वाहन के मामले में यह 2 हजार रुपये है. इस मामले में मध्यम यात्री या माल ढोने वाले वाहनों पर जुर्माना 2 हजार रुपये से 4 हजार रुपये है.
नए नियमों के अनुसार, अगर कोई नाबालिग वाहन चलाते समय पकड़ा गया तो 25 हजार का जुर्माना और गाड़ी मालिक को तीन साल तक की सजा. साथ ही उस वाहन का रजिस्ट्रेशन भी रद्द कर दिया जाएगा. पहले नाबालिग के वाहन चलाने पर कोई जुमार्ना नहीं था. इसके अलावा इमरजेंसी वाहन को रास्ता न देने पर भी अब तक कोई जुमार्ना नहीं था, लेकिन ऐसे वाहन को रास्ता न देने पर अब 10 हजार रुपए का जुमार्ना भरना होगा. गाड़ी चलाते समय मोबाइल से बातचीत करने पर जुर्माना एक हजार रुपये से बढ़ाकर पांच हजार रुपये कर दिया गया है.
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