पाकिस्तान (Pakistan) के वजीर-ए-आजम इमरान खान (Imran Khan) के संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) के सत्र में कश्मीर पर भड़काऊ बयानबाजी कर खून-खराबे की धमकी देने के बाद बिहार के मुजफ्फरपुर (Muzaffarpur) की एक अदालत में शनिवार को उनके खिलाफ एक परिवाद पत्र दायर किया गया. मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी सूर्यकांत तिवारी की अदालत में यह मुकदमा अधिवक्ता सुधीर कुमार ओझा ने दायर किया है. मुकदमे का आधार लोगों की भावनाएं भड़काने को बनाया गया है. अदालत ने इस मामले की सुनवाई के लिए 21 अक्टूबर की तारीख तय की है.
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पीएम नरेंद्र मोदी पर किए थे निजी हमले
गौरतलब है कि पाकिस्तान के पीएम इमरान खान ने शुक्रवार को कश्मीर (Jammu Kashmir) पर बोलते हुए कहा था कि प्रतिबंध हटते ही जम्मू-कश्मीर में खून की नदियां बहेंगी. उन्होंने इसके साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) पर भी निशाना साधा था. उन्होंने पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचार की नजरअंदाज या कहें कि पर्दा डालते हुए कहा था कि भारतीय मुसलमान का नरसंहार हो रहा है. उन्होंने एक तरह से अपने संबोधन में दुनिया भर के मुसलमानों का रहनुमा बनने की कोशिश की थी.
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इस्लामोफोबिया पर दुनिया को लिया आड़े हाथों
वजीर-ए-आजम इमरान खान आतंकवाद को कट्टरपंथी मुसलमानों (Radical Islam) से जोड़ने से भी काफी नाराज दिखे. उन्होंने कहा. '9/11 हमलों के बाद इस्लामोफोबिया (इस्लाम का भय) (Islamophobia) चिंताजनक ढंग से बढ़ा है. इस्लामोफोबिया विभाजन पैदा कर रहा है, हिजाब एक हथियार बन गया है. एक महिला अपने वस्त्र निकाल सकती है किंतु वह अधिक वस्त्र नहीं पहन सकती. यह 9/11 के बाद हुआ है तथा यह इसलिए शुरू हुआ क्योंकि कुछ पश्चिमी देशों ने इस्लाम की तुलना आतंकवाद से की'. उन्होंने कहा, 'कट्टरपंथी इस्लाम जैसी कोई चीज नहीं है.'
HIGHLIGHTS
- मुजफ्फरपुर की एक अदालत में इमरान खान के खिलाफ एक परिवाद पत्र दायर किया गया.
- UNGA में कश्मीर पर भड़काऊ बयानबाजी कर खून-खराबे की धमकी देने का मामला.
- अदालत ने इस मामले की सुनवाई के लिए 21 अक्टूबर की तारीख तय की है.