logo-image

कैमूर में बनेगा दूसरा टाइगर रिजर्व, पशुओं की गणना जल्द होगी शुरू

कैमूर में अब दूसरा टाइगर रिजर्व होगा जिसके लिए कैमूर के वन्य जीव अभ्यारण में पहली बार शाकाहारी और मांसाहारी पशुओं की साइंटिफिक व्यवस्था से गणना की जाएगी जो लगभग 20 जनवरी से शुरू हो जाएगी.

Updated on: 19 Jan 2023, 11:33 AM

highlights

  • कैमूर वन्य अभयारण्य बनेगा दूसरा टाइगर रिजर्व
  • पहली बार शाकाहारी और मांसाहारी पशुओं की होगी गणना
  • दिसंबर माह में ही अधिकारियों को दी जा चुकी है ट्रेनिंग 

kaimur:

वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के बाद अब बिहार में दूसरा टाइगर रिजर्व बनने जा रहा है. जिसको लेकर तैयरी शुरू कर दी गई है. कैमूर में अब दूसरा टाइगर रिजर्व होगा जिसके लिए कैमूर के वन्य जीव अभ्यारण में पहली बार शाकाहारी और मांसाहारी पशुओं की साइंटिफिक व्यवस्था से गणना की जाएगी जो लगभग 20 जनवरी से शुरू हो जाएगी. यह गणना 4 महीने में पूरी हो जाएगी, जिसे भारतीय वन्यजीव संस्थान के सहयोग से बिहार सरकार करवा रही है. पहले वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में गणना होते आई है लेकिन कैमूर में पहले कभी नहीं हुआ था. 

टाइगर रिजर्व घोषित करने को लेकर हो रही है गणना

कैमूर वन्य अभयारण्य को टाइगर रिजर्व घोषित करने को लेकर गणना का कार्य शुरू किया गया है. दिसंबर माह में ही अधिकारियों को ट्रेनिंग दी जा चुकी है. जिसमें जानवरों के फुट मार्क की पहचान, सीसीटीवी कैमरा सहित कई क्षेत्रों में प्रशिक्षित किया गया है. सरकार की रिपोर्ट के अनुसार कैमूर वन्य क्षेत्र अभ्यारण वीटीआर से भी काफी बड़ा है. यहां पर सभी प्रकार के जीव पाए जाते हैं जैसे भालू, तेंदुआ, सांभर ,नीलगाय, यहीं नहीं पहले बाघ भी इस क्षेत्र में दो साल पहले देखे गए थे.

यह भी पढ़ें : आरा में महादलित बस्ती के लोग नहीं मिल पाएंगे सीएम से, घरों में सभी को किया गया बंद

3 से 4 महीने में गणना का पूरा होगा काम  

कैमूर डीएफओ चंचल प्रकाशम ने जानकारी देते हुए बताया कैमूर वन्य प्राणी अभ्यारण में सभी प्रकार के जंगली जानवर पाए जाते हैं. लेकिन जो भी वन्य प्राणी है उनकी गणना नहीं कराई गई है. जो की पहली बार शाकाहारी और मांसाहारी जानवरों का गणना कराया जा रहा है. बात दें कि 22, 23 और 24 दिसंबर को भारतीय वन्य प्राणी संस्थान के तरफ से ट्रेनिंग दी गई थी, सारे वन्य कर्मी को प्रशिक्षित कर दिया गया है. 20 जनवरी के लगभग गणना का कार्य शुरू हो जाएगा साइंटिफिक तरीके से ये गणना शुरू होगी. जिसे पता लगेगा कि इस जंगल में कितने जानवर और कौन-कौन से जानवर हैं. इस कार्य में 150 लोग लगे हैं जो 3 से 4 महीने में गणना का कार्य पूरा करेंगे. वाल्मीकि टाइगर रिजर्व से भी बड़ा कैमूर का वन क्षेत्र अभ्यारण है. पहले यहां बाघों का अधिवास हुआ करता था. 

रिपोर्ट - रंजन त्रिगुण