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सुपौल में स्ट्रीट लाइट लगाने के नाम पर लाखों का घोटाला, दस्तावेजों को किया गायब

सुपौल जिले के पिपरा प्रखंड के ठाढ़ी भवानीपुर पंचायत में 55 स्ट्रीट लाइट लगाने के नाम पर लाखों रुपए घोटाला का सनसनीखेज मामला सामने आया है.

Updated on: 25 Nov 2022, 01:39 PM

highlights

.स्ट्रीट लाइट लगाने के नाम पर लाखों रुपए घोटाला

.मुखिया के पति और पंचायत सचिव पर लगे आरोप

 

Supaul:

सुपौल जिले के पिपरा प्रखंड के ठाढ़ी भवानीपुर पंचायत में 55 स्ट्रीट लाइट लगाने के नाम पर लाखों रुपए घोटाला का सनसनीखेज मामला सामने आया है. लाइट लगाने से पहले ही 5,42,500 रुपये की निकासी कर ली गई है. बताया जा रहा है कि मुखिया के पति और पंचायत सचिव द्वारा लाखों रुपये का गबन किया गया है. इतना ही नहीं सबूत मिटाने के लिए सारे अभिलेख को गायब कर दिये गये हैं.
 
इस मामले का खुलासा तब हुआ जब ठाढ़ी भवानीपुर के निवासी धर्मेन्द्र कुमार के द्वारा सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के तहत सूचना ली गई. इसके बाद इस मामले में आवेदनकर्ता ने उपविकास आयुक्त सुपौल को आवेदन देकर जांच की मांग की. बहरहाल, सुपौल के डीडीसी मुकेश कुमार के द्वारा पिपरा के प्रखंड पंचायती राज पदाधिकारी से मामले की जांच करवाई गई.

मामले की जांच में बीपीआरओ के स्थल पर पहुंचने की जानकारी जब पूर्व मुखिया रंजू देवी, मुखिया के पति दिनेश यादव और पूर्व पंचायत सचिव सत्यनारायण रजक को मिली तो इनके द्वारा आनन-फानन में पुराने लाइट को लगाना का काम शुरू कर दिया गया. उसमें भी कई ऐसी खराब लाइट जिसमें बल्व ही नहीं था, कहीं खाली स्टैंड (हेंडल) तो' कहीं दूसरे कंपनी की लाइट लगायी गई.

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लोगों ने जब आपत्ति दर्ज करी तो कहा गया कि खराब लाइट इसलिए लगाई जा रहा है क्योंकि पदाधिकारी जांच में आ रहा है. जांच के बाद इन जगहों पर नए स्ट्रीट लाइट लगाने का हवाला देते हुए ग्रामीणों की जुबान बंद करने की भी कोशिश की गई. बावजूद इसके जिन-जिन पर घोटाले का आरोप लगा, उनके स्तर से 55 अदद लाइट नहीं लग सकी.

इसी बीच जांच को पहुंचे अधिकारी की इन स्थलों पर इंट्री हो गई. जांच अधिकारी ने बताया गया कि गबन का मामला है, साक्ष्य मिटाने के लिए अभिलेख को गायब कर दिया  गया है. कार्रवाई की प्रक्रिया की जा रही है.

रिपोर्ट : बिष्णु गुप्ता