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नीतीश सरकार की संलिप्तता से हुई सासाराम हिंसा, बिहार में चल रहा है हिंदुओं के खिलाफ 'खेल': विजय सिन्हा

सासाराम हिंसा को लेकर बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष ने सूबे की नीतीश सरकार पर करारा हमला बोला है.

Updated on: 08 May 2023, 08:47 PM

highlights

  • विजय सिन्हा ने नीतीश सरकार पर बोला हमला
  • सासाराम हिंसा को लेकर राज्यपाल से की मुलाकात
  • सासाराम हिंसा को बताया सरकार प्रायोजित अपराध
  • पीएफआई कनेक्शन की बात बताकर बोला हमला
  • हिंदुओं को टार्गेट करने का लगाया आरोप

Patna:

सासाराम हिंसा को लेकर बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष ने सूबे की नीतीश सरकार पर करारा हमला बोला है. विजय सिन्हा ने कहा कि ये पूरी तरह से सरकार प्रायोजित धार्मिक उन्माद फैलाने का एक षणयंत्र था. सरकार की पूरी संलिप्तता है और इनके हस्तिनापुर के गुलाम भ्रष्ट पदाधिकारी सासाराम हिंसा को अंजाम दिए हैं और आज सरकार के संरक्षण में अपनी खामियों और कमियों को छुपाने के लिए जिस तरह से खेल खेला जा रहा है यह ठीक नहीं है. बीजेपी, बजरंग दल और संघ के लोगों को चिन्हित करके कार्रवाई की जा रही है इसलिए दूध का दूध और पानी का पानी हो.

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हाईकोर्ट के सिटिंग जज से कराई जाए जांच

विजय सिन्हा ने मांग की है कि सासाराम हिंसा की जांच हाईकोर्ट के सिटिंग जज करें. आज हमने सूबे के राज्यपाल से मुलाकात कर कहा है कि बिहार के अंदर धार्मिक उन्माद और जातीय उन्माद अपराध एवं भ्रष्टाचार का एक सुनोयोजित खेल चल रहा है, आपको हस्तक्षेप करना चाहिए. अगर इसकी जांच नहीं होगी तो इसका दूरगामी असर पड़ेगा बिहार पर. नीतीश सरकार मोटीवेटेड होकर हिंदू समुदाय के लोगों को टार्गेट कर रही है. हिंदुओं को तंग और तबाह किया जा रहा है.

PFI के खिलाफ बोलनेवाला जाएगा जेल

विजय सिन्हा ने आगे कहा कि 500 लोगों के खिलाफ अज्ञात में मुकदमा दर्ज करके हिंदुओं को टार्गेट किया जा रहा है. जो पीएफआई के खिलाफ बोलेगा, जो पीएफआई के आतंकवाद से जुड़े मामले पर बोलेगा, उसको नीतीश सरकार अज्ञात की सूची में डालकर जेल भेजने का काम करेगी. बीजेपी के पूर्व विधायक जवाहर प्रसाद कुशवाहा का सिर्फ यही दोष था कि जो बम सासाराम में विस्फोट हुआ उसके बारे में NIA से जांच कराने की मांग की और उन्हें नीतीश सरकार द्वारा फर्जी तरीके से जेल भेज दिया गया. 

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PFI के लोगों को बचा रही है नीतीश सरकार

उन्होंने आगे कहा कि पीएफआई से जिन लोगों का कनेक्शन है उसको बचाने का खेल बिहार सरकार खुलकर कर रही है और तुष्टिकरण की राजनीति कर रही है. हमने राज्यपाल से मांग की है कि मामले में हस्तक्षेप करें. इसकी उच्च स्तरीय जांच हो, न्यायिक जांच हो, सीबीआई जांच हो, एनआईए जांच हो लेकिन बिहार के अंदर पीएफआई का गढ़ नहीं व बिहार का माहौल खराब ना करे इसकी हमने मांग की है.