बिहार में सम्राट चौधरी को मिल गई बड़ी जिम्मेदारी, जानें क्यों BJP ने उठाया ये कदम?

बिहार विधानसभा चुनावों के दौरान तारापुर में गृहमंत्री अमित शाह का दिए गए बयान के मायने अब समझ आने लगे हैं. नई सरकार के गठन से पहले बीजेपी ने बड़ा कदम उठाते हुए सम्राट चौधरी को बड़ी जिम्मेदारी सौंप दी है.

बिहार विधानसभा चुनावों के दौरान तारापुर में गृहमंत्री अमित शाह का दिए गए बयान के मायने अब समझ आने लगे हैं. नई सरकार के गठन से पहले बीजेपी ने बड़ा कदम उठाते हुए सम्राट चौधरी को बड़ी जिम्मेदारी सौंप दी है.

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Dheeraj Sharma
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Samrat choudhary big position

बिहार विधानसभा चुनावों के दौरान तारापुर में गृहमंत्री अमित शाह का दिए गए बयान के मायने अब समझ आने लगे हैं. नई सरकार के गठन से पहले बीजेपी ने बड़ा कदम उठाते हुए सम्राट चौधरी को बड़ी जिम्मेदारी सौंप दी है. दरअसल शाह ने अपने बयान जिसमें उन्होंने सम्राट चौधरी को “मोदी जी की ओरसे बड़ा पद दिए जाने” का संकेत दिया था अब साफ हो गया है. शाह का वो बयान बिहार की राजनीति में एक निर्णायक मोड़ बन गया. यह वही राजनीतिक शैली थी जिसमें उन्होंने छत्तीसगढ़ के नेता विष्णु देव साय को भी भविष्य में ऊंची जिम्मेदारी मिलने का संदेश दिया था, जो बाद में सच साबित हुआ. इसी तर्ज पर सम्राट चौधरी को डिप्टी सीएम और विधानमंडल दल का नेता बनाकर बीजेपी ने यह साफ कर दिया कि शाह का कहा सिर्फ भाषण नहीं, पार्टी की योजनाबद्ध रणनीति का हिस्सा था.

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चुनावी प्रचार के विवाद और सम्राट की चुनौती

हालांकि यात्रा इतनी आसान नहीं थी. चुनाव प्रचार के दौरान प्रशांत किशोर की ओर से सम्राट चौधरी की उम्र और कथित आपराधिक मामलों को लेकर उठाए गए सवालों ने यह आशंका पैदा कर दी थी कि कहीं उनका राजनीतिक ग्राफ गिरावट का शिकार न हो जाए. लेकिन तारापुर में उनकी ज़ोरदार जीत ने न केवल इन विवादों को पीछे धकेला, बल्कि उन्हें NDA की मजबूती का प्रतीक भी बना दिया.

OBC राजनीति का नया राष्ट्रीय चेहरा

सम्राट चौधरी की असली ताकत उनके OBC प्रतिनिधित्व में है. कुशवाहा (कोयरी) समुदाय से आने वाले सम्राट, बिहार में BJP के सबसे प्रमुख OBC चेहरे बन चुके हैं. तारापुर में उनकी 2025 की बड़ी जीत लगभग 1.22 लाख वोटों के अंतर से ने यह संदेश साफ कर दिया कि OBC आधार का मजबूत ध्रुवीकरण अब बीजेपी के पक्ष में है.

यूपी को साधने की कोशिश 

सम्राट को बड़ी जिम्मेदारी देने के पीछे बीजेपी की मंशा यूपी को भी साधने की है. यहां पर OBC मतदाता लगभग 40 फीसदी हिस्सेदारी रखते हैं और इनमें कुशवाहा समुदाय 8 से 10 फीसदी तक है. 2022 में SP के PDA फॉर्मूले की वजह से इस वोट बैंक में सेंध लगी थी, लेकिन सम्राट चौधरी का उदय बीजेपी के लिए एक नई ऊर्जा लेकर आया है.

बिहार की सफलता को उदाहरण बनाकर सम्राट को यूपी के सीमावर्ती जिलों—देवरिया, बलिया, गाजीपुर में “स्थानीय चेहरा” के रूप में प्रचारित किया जा सकता है. यह इलाका सांस्कृतिक और जातीय स्तर पर बिहार से गहरा जुड़ा है, इसलिए सम्राट की अपील यहां सहज रूप से असर डाल सकती है.

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