Samastipur: शिक्षा विभाग ने अपनाया शख्त रवैया, जिले के 85 हजार बच्चों का काटा गया नाम
बिहार भले ही कई बार शिक्षा व्यव्सथा को लेकर सवालों के घेरे में आ चुका है, लेकिन सरकारी स्कूलों में बेहतर शिक्षा और गुणवत्ता में सुधार के लिए लगातार प्रशासन की तरफ से कार्रवाई की जा रही है.
highlights
- समस्तीपुर के बच्चों में हड़कंप
- शिक्षा विभाग ने अपनाया शख्त रवैया
- जिले के 85 हजार बच्चों का काटा गया नाम
Samastipur:
बिहार भले ही कई बार शिक्षा व्यव्सथा को लेकर सवालों के घेरे में आ चुका है, लेकिन सरकारी स्कूलों में बेहतर शिक्षा और गुणवत्ता में सुधार के लिए लगातार प्रशासन की तरफ से कार्रवाई की जा रही है. इसी के साथ सरकारी विद्यालयों के नियमों में भी काफी बदलाव किए जा रहे हैं. सूबे के सरकारी विद्यालयों में बच्चों की उपस्थिति और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को लेकर शिक्षा विभाग अब काफ़ी शख्त रवैया अपना रहा है. विभाग के निर्देश पर वैसे बच्चे जो लगातार विद्यालय से अनुपस्थित है, उनका नाम काटने का निर्देश जारी किया गया है. विभाग के निर्देश के बाद समस्तीपुर जिले में लगभग 85 हज़ार बच्चों का नाम विद्यालय से काट दिया गया. विद्यालय से नाम कटने के बाद से बच्चों और अविभावकों में हड़कंप मच गया है.
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जिले के 85 हजार बच्चों का काटा गया नाम
विद्यालय से अनुपस्थित रह रहे बच्चे अब फिर स्कूल की तरफ मुख़ातिब हो रहे हैं. स्कूल से अनुपस्थित रहे बच्चों की अपनी अलग दलील है. कुछ बच्चे परिवार और रिश्तेदार में किसी के बीमार होने तो कुछ खुद के बीमार रहने की बात बता रहे हैं. वहीं कुछ बच्चे स्कूल में पढ़ाई नहीं होने की दलील दे रहे हैं. शिक्षा विभाग के निर्देश के बाद विद्यालय से अनुपस्थित बच्चों को नोटिस भेजा जा रहा है. स्कूल से नोटिस मिलने के बाद बच्चे अब विद्यालय पहुंच रहे हैं. विद्यालय के प्रधानाचार्य का कहना है कि जिन बच्चों के अविभावक लिखित डिक्लेरेशन दे रहे हैं, उन बच्चों का पुनः नामांकन किया जा रहा है. स्कूल के प्रिंसिपल विभाग के निर्देश को सही बता रहे हैं . उनका कहना है कि इससे विद्यालयों में बच्चों की उपस्थिति काफी बढ़ी है.
शिक्षा विभाग ने अपनाया शख्त रवैया
वहीं, जिला शिक्षा पदाधिकारी मदन राय का कहना है कि सरकारी विद्यालयों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और छात्रों की उपस्थिति को लेकर लगातार विभाग के द्वारा दिशा निर्देश जारी किए जा रहे हैं. इस आलोक में वैसे बच्चे जो विद्यालय से लगातार अनुपस्थित हो रहे हैं. जिले में ऐसे लगभग 85000 बच्चों का नामांकन काटा गया है. विद्यालय के द्वारा अनुपस्थित छात्रों को नोटिस भेजा जा रहा है. अगर उनके अभिभावक शपथ पत्र देते हैं, तो बच्चों का फिर से नामांकन किया जा रहा है.
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