बिहार में अलग-अलग राज्यों से अबतक पांच लाख प्रवासी मजदूर आ चुके हैं. अभी भी अलग-अलग शहरों से प्रवासी मजदूरों के पलायन का सिलसिला जारी है. कोरोना काल में संकट से जूझ रहे प्रवासी मजदूरों की मदद के लिए कई हाथ उठ रहे हैं. बिहार के बेगूसराय में पलायन करके आए मजदूरों और उनके बच्चों को वह न केवल खाने-पीने का सामान मुहैया करा रही हैं, बल्कि महामारी से बचने के लिए उन्हें जागरूक भी किया जा रहा है.
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देश के विभिन्न हिस्सों से आपने भूखे प्यासे मजदूरों को अपने गांव की ओर बदहवास पैदल चलते तो देखा होगा, लेकिन इसके बीच राहत की कुछ ऐसे मामले भी सामने आए हैं, जो दिल को सुकून देती हैं. एक सामाजिक संस्था से जुड़े लोग इन प्रवासी मजदूरों को भोजन पैकेट और पानी उपलब्ध करवा रही है. साईं की रसोई नाम की संस्था ने सड़क के रास्ते पैदल और ट्रकों पर जैसे-तैसे सवार हो भूखे प्यासे घर लौटते प्रवासी मजदूरों को शनिवार से भोजन व पानी का बोतल उपलब्ध करवाने की शुरुआत की है.
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साईं की रसोई टीम के सदस्य दोपहर में कार से भोजन पैकेट और पानी लेकर एनएच पर निकलते हैं और जो भी प्रवासी पैदल या ट्रक पर जाते दिखते हैं उन्हें रुकवाकर भोजन-पानी उपलब्ध करवाते हैं. इस मुहिम के दौरान कुछ प्रवासी मजदूर ऐसे भी मिले. जिन्होंने कहा कि बिहार में इंट्री के बाद पहली बार भोजन मिल पाया है. वहीं दिल्ली से पैदल नौगछिया लौट रहे मजदूरों ने बताया कि सरकार ने ट्रेन की व्यवस्था तो की है, लेकिन हर मजदूर ऑनलाइन टिकट कटा पाने में सक्षम नहीं है.
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