समस्तीपुर में 2000 से ज्यादा की आबादी वाले जिले में आजादी के 75 दशक बाद भी चचरी पुल के सहारे आने जाने को लोग मजबूर हैं. जनप्रतिनिधि से लेकर अधिकारियों से गुहार लगाई गई, लेकिन उसके बावजूद इसकी पहल नहीं हो सकी है. अधिकारी ने जांच के बाद समस्या के निदान का भरोसा दिया है, लेकिन अब तक उस पर अमल नहीं किया है. जिसके बाद खुद से चंदा इकट्ठा कर लोगों ने चचरी पुल का निर्माण किया था लेकिन आज उसकी भी स्थिति जर्जर है.
चचरी पुल की स्थिति भी हो गई है जर्जर
सत्ता बदली सियासत बदली लेकिन आजादी के 75 वर्ष बाद भी समस्तीपुर के वारिसनगर प्रखंड के हजपुरवा गांव के वार्ड 6 के लोगों की तकदीर नहीं बदल सकी. स्थानीय लोगों का कहना है कि पूर्व में गांव के लोग दूसरे के निजी जमीन के रास्ते आवागमन करते थे, लेकिन चुनावी रंजिश की वजह से जमीन मालिकों ने रास्ता बंद कर दिया. जिसके बाद लोगों ने आपस मे चंदा इकट्ठा कर चचरी पुल का निर्माण किया था. पिछले तीन वर्षों से लोग इसी चचरी पुल के सहारे आवागमन कर रहे है, लेकिन अब इस चचरी पुल की स्थिति भी जर्जर हो रही है.
अधिकारियों को दी गई थी लिखित शिकायत
रास्ते के आभाव में लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. ग्रामीणों का कहना है कि इसको लेकर उन लोगों के द्वारा कई बार प्रखंड से लेकर जिला स्तर तक धरना प्रदर्शन भी किया गया. जनप्रतिनिधि से लेकर अधिकारियों तक लिखित शिकायत भी की गई, लेकिन अब तक इस दिशा में कोई पहल नहीं हो सकी है.
उप विकास आयक्त ने दिया असववशन
वहीं, इस मामले में उप विकास आयक्त ने कहा कि उन्हें अब मामले की जानकारी मिली है तो अब मामले प्रखंड प्रशासन से विस्तृत रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी और अगर जरूरत पड़ी तो पुल निर्माण के लिए सरकार को प्रस्ताव भी भेजा जाएगा.
रिपोर्ट - मंटुन रॉय
HIGHLIGHTS
- चचरी पुल के सहारे आने जाने को मजबूर हैं लोग
- जनप्रतिनिधि से लेकर अधिकारियों से लगाई गई गुहार
- चंदा इकट्ठा कर लोगों ने चचरी पुल का किया था निर्माण
Source : News State Bihar Jharkhand