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राजद के विद्रोह, लालू के परिवार पर मुसलमानों को धोखा देने का आरोप

शहाबुद्दीन के निधन के बाद राजद अल्पसंख्यक डीवीजन के पूर्व उपाध्यक्ष अफरीदी रहमान ने तो राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव व उनके परिवार पर हमला बोला और मुसलमान विरोधी करार दिया.

Updated on: 05 May 2021, 03:21 PM

highlights

  • अफरीदी रहमान ने लालू प्रसाद यादव व उनके परिवार पर हमला बोला
  • उन्होंने कहा शहाबुद्दीन ने उनके परिवार के लिए बहुत कुर्बानी दी, लेकिन उनलोगों ने धोखा दिया

मुजफ्फरपुर:

इस कोरोना काल में राजद के अंदर ही विद्रोह के सुर फूटने लगे हैं, खासकर सिवान के पूर्व सांसद शहाबुद्दीन के निधन के बाद राजद अल्पसंख्यक डीवीजन के पूर्व उपाध्यक्ष अफरीदी रहमान ने तो राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव व उनके परिवार पर हमला बोला और मुसलमान विरोधी करार दिया. उन्होंने इस संबंध बयान जारी कर कहा है कि लालू प्रसाद के परिवार के लिए शहाबुद्दीन ने बहुत कुर्बानी दी, लेकिन उनके परिवार के लोगों ने धोखा दिया. सारी मुस्लिम समाज शोक में डूबा हुआ है और लालू प्रसाद के परिवार बंगाल का रिजल्ट आने पर जश्न मना रहे हैं. इससे उनकी सच्चाई खुलकर बाहर आ गयी. ऐसा कहा जा रहा है कि सिर्फ अफरीदी रहमान इस तरह की सोच रखने वाले अकेले नहीं हैं. बल्कि वे एक समुदाय और खासकर शहाबुद्दीन का समर्थन करने वाले लोगों की भावना को व्यक्त कर रहे हैं. उन्हें आक्रोश इस बात को लेकर है कि पूर्व सांसद डॉ. मोहम्मद शहाबुद्दीन के कोरोना से निधन होने के बाद राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद और उनके परिवार से कोई भी देखने तक नहीं गया, जबकि लालू प्रसाद उस वक्त दिल्ली में ही थे.

इसी बीच ये खबर आयी कि छपरा से राजद के प्रदेश उपाध्यक्ष व बिहार विधान परिषद के पूर्व उपसभापति रहे सलीम परवेज ने भी शहाबुद्दीन की मौत के समय पार्टी और हाई कमान के रवैये को गलत माना है. उन्होंने अपने पद और पार्टी की सदस्यता से इस्तीफा देते हुए ये कहा कि पार्टी ने इस घटना को पुरी तरह से नज़रअंदाज़ किया है, इससे पार्टी के मूल आधार में से मुस्लिम समाज के अंदर के आक्रोश को सहज ही महसूस किया जा सकता है. उन्होंने ये आरोप लगाया कि राजद के संस्थापक में से एक रहे शहाबुद्दीन के बीमार होने से लेकर उनके निधन होने तक राजद सुप्रीमो और उनके परिवार के सदस्य दिल्ली में ही थे. लेकिन किसी ने देखने के लिए जाने तक की कष्ट नहीं उठाई. मीडिया रिर्पोट के मुताबिक, अब विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव व लालू प्रसाद के बड़े पुत्र तेज प्रताप ने स्थिति को संभालने के लिए सोशल मीडिया के माध्यम से बयान जारी कर स्थिति को संभालने की कोशिश की है, अब यह देखने वाली बात होगी कि इसका प्रभाव किस स्तर तक पड़ता है.