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NRC/NPR पर एक इंच न हिलने वाली BJP को 1000 किलोमीटर हिला दिया- तेजस्वी यादव

राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) को लेकर नीतीश सरकार की ओर से बड़ा कदम उठाया गया है.

Updated on: 25 Feb 2020, 05:23 PM

पटना:

राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) को लेकर नीतीश सरकार की ओर से बड़ा कदम उठाया गया है. राज्य में एनआरसी (NRC) को लागू नहीं किए जाने और एनपीआर (NPR) को एक संशोधन के साथ लागू करने के प्रस्ताव बिहार विधानसभा (Bihar Assembly) में पारित किए गए. जिनका सभी दलों ने समर्थन किया और दोनों प्रस्ताव विधानसभा में सर्वसम्मति से पास हो गए. अब इस पर श्रेय लेने की राजनीति शुरू हो गई है. सदन में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने बीजेपी पर हमला बोलते हुए कहा कि ये एक बड़ी लड़ाई थी, जिसे हमने जीता है.

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तेजस्वी यादव ने कहा, 'जो लोग एक इंच पीछे नहीं हटेंगे कह रहे थे ये समझिए कि आज उन्हें भागना पड़ा. जिन भी राज्यों ने कहा कि हम NRC, NPR लागू नहीं करेंगे उनमें से बिहार एक ऐसा राज्य है जहां बीजेपी की सरकार है.' उन्होंने कहा, 'हम तो कहते हैं कि आज संविधान की जीत हुई है, जनता की जीत हुई है, अमन-चैन की जीत हुई है. लालू जी की सरकार ने लोगों के सपने को साकार करने का काम किया है. ये एक बड़ी लड़ाई थी जिसे हमने जीता.'

इसके अलावा राष्ट्रीय जनता दल के नेता ने ट्वीट कर कहा, 'बिहार में NRC/NPR लागू नहीं करने की हमारी मांग पर आज विधानसभा में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पास कराया गया. NRC/NPR पर एक इंच भी नहीं हिलने वाली BJP को आज हमने 1000 किलोमीटर हिला दिया. BJP वाले माथा पकड़े टुकुर-टुकुर देखते रह गए. संविधान मानने वाले हम लोग CAA भी लागू नहीं होने देंगे.'

इससे पहले सदन में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि एनपीआर 2010 के प्रारूपों के अनुसार ही होना चाहिए, इसके लिए सरकार ने केंद्र सरकार को एक पत्र भी लिखा है. नीतीश कुमार ने विधानसभा में कहा कि ग्रामीण इलाकों के लोगों को जन्मदिन का पता नहीं है. इन सबको देखते हुए केंद्र सरकार को पत्र भेजा गया है. बिहार सरकार द्वारा 15 फरवरी 2020 को भेजे गए पत्र में स्पष्ट कहा गया है कि एनपीआर पुराने फॉर्मेट में कराने की बात कही गई है. मुख्यमंत्री ने विपक्षी दलों को संशय में नहीं रहने की अपील करते हुए कहा कि पत्र में लिंग के कॉलम में ट्रांसजेंडर को जोड़ने का भी अनुरोध किया गया है.

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उन्होंने कहा कि एनआरसी को लेकर कोई बात ही नहीं हुई है. इसके बारे में विस्तार से चर्चा किए बिना सिर्फ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान का जिक्र किया जा सकता है, जिसमें प्रधानमंत्री स्पष्ट कर चुके हैं कि एनआरसी पर अभी तक कोई विचार नहीं किया गया है. नीतीश ने सदन में कहा कि बिहार में एनआरसी, एनपीआर को लेकर माहौल बनाया जा रहा है. मुख्यमंत्री ने कहा, 'सीएए के सभी दस्तावेज देखे हैं. सीएए तीन देशों के अल्पसंख्यकों के हितों की सुरक्षा के लिए है और यह केंद्र का कानून है. ये सही है या गलत, इसे अब सुप्रीम कोर्ट तय करेगा.' उन्होंने कहा कि किसी भी तरह की भ्रम की स्थिति नहीं होनी चाहिए. जहां तक सीएए का सवाल है सीएए तो कांग्रेस लेकर आई थी.

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